पटना: अब वह दिन दूर नहीं, जब आप गंगा के तटों की सैर कर मरीन ड्राइव का एहसास करेंगे. रंग-बिरंगे फूल, हरे-भरे पेड़-पौधे, ऐतिहासिक व आधुनिक कलाकृतियों के बीच कैफे का आनंद. सब यहां पटना में. दरअसल, सरकार ने गंगा नदी बेसिन प्राधिकार व विश्व बैंक के सहयोग से पटना में गंगा नदी तट का सौंदर्यीकरण एवं घाटों का पुनर्निर्माण करने की योजना बनायी है.
परियोजना को पूरा करने की जिम्मेवारी बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) को दिया गया है. गंगा नदी तट विकास परियोजना को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को बुडको की ओर से श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आम लोगों की सलाह ली गयी. 15 मिनट की वीडियो फिल्म दिखायी भी गयी. इसमें गंगा को प्रदूषणमुक्त करने के साथ घाटों को विकसित करने की पूरी योजना बतायी गयी.
सितंबर में निकलेगा टेंडर
बुडको के प्रबंध निदेशक अनुपम कुमार सुमन ने कहा कि सितंबर में टेंडर निकाला जायेगा. 26 महीने में काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. परियोजना के पूरा होने पर शहरी जीवन की पूर्ण तसवीर बनेगी. इसका रख-रखाव नागरिक सहयोग से किया जायेगा. हर घाट एक तरह नहीं दिखे, इसके लिए अलग-अलग डिजाइन बनाया जायेगा. इस योजना के पूरा होने के बाद नौजार से दीदारगंज तक के घाट बदले-बदले से दिखेंगे.
एक-दूसरे से जुड़ेंगे सभी घाट6.6 किलोमीटर तट पर बने 21 घाट एक-दूसरे से जुड़े होंगे. दो घाटों के बीच लैंडस्केपिंग होगी. बैठने के लिए प्लेटफॉर्म, खाने-पीने के लिए फूड कियोस्क, हरे-भरे पेड़-पौधे व वाकिंग फुटपाथ की व्यवस्था होगी. फुटपाथ के बनने के बाद लोग सुबह-शाम यहां टहलने के साथ गंगा की लहरों का भी लुत्फ उठा सकेंगे. इस पर वाहनों के परिचालन की अनुमति नहीं होगी.
लोगों में नहीं दिखा उत्साह
बुडको ने गंगा नदी तट विकास परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में नागरिक परामर्श के लिए लोगों को आमंत्रित किया था. लेकिन, इसे लेकर नागरिकों में कम उत्साह देखा गया. आम लोगों की भागीदारी न के बराबर थी. हालांकि, नागरिक परामर्श के लिए बुडको ने अखबारों में विज्ञापन व होर्डिग के माध्यम से खूब प्रचार-प्रसार किया था.