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जालसाजी मामले के इंटरनेशनल एक्सपर्ट ने शुरू की जांच, गैंग को ‘विभीषण’ देता है निर्देश
पटना: एटीएम से रुपये गायब करने के मामले में जांच तेज हो गयी है. जांच में एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है. अनुसंधान से जो बात छन कर आ रही है, उससे पता चलता है कि इंजीनियर गैंग जब एटीएम को खंगालता है, तो उसे मोबाइल फोन पर डायरेक्शन मिलता है. परदे के पीछे […]
पटना: एटीएम से रुपये गायब करने के मामले में जांच तेज हो गयी है. जांच में एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है. अनुसंधान से जो बात छन कर आ रही है, उससे पता चलता है कि इंजीनियर गैंग जब एटीएम को खंगालता है, तो उसे मोबाइल फोन पर डायरेक्शन मिलता है. परदे के पीछे बैठा ‘विभीषण’ उसकी मदद करता है. एटीएम लूट में एनसीआर से जुड़ा कोई ओहदेदार शामिल है, जो विभीषण का रोल निभा रहा है. यही नहीं वह तकनीकी के क्षेत्र में भी काफी पैठ रखता है. उसके साथ इस गोरखधंधे में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं.
मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी अब उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गयी है. इसकी जिम्मेवारी बड़े जालसाजी प्रकरण का अनुसंधान करनेवाले इंटरनेशनल एक्सपर्ट मसूद हुसैन को मिली है. प्रथम दृष्टया एटीएम में न्यूमोरिकल-की लगा कर पूरे सिस्टम को हैक करने की बात सामने आयी है.
पुलिस के अनुसंधान में यह बात सामने आयी है कि एटीएम को हैक करने के बाद इंजीनियर गैंग किसी से फोन पर बात करता है. फोन पर डायरेक्शन मिलने के बाद गैंग पैसा निकालने में सफल हो रहा है. अब पुलिस यह पता लगा रही है कि फोन पर डायरेक्शन कौन दे रहा है. शक पूरी तरह से एनसीआर के ही किसी खास पर है. पूरे सिस्टम को बारीकी से समझने वाले और एटीएम को खंगालने में मदद कर रहे इस चेहरे को पुलिस बेनकाब करेगी.
न्यूमेरिकल-की का हो रहा इस्तेमाल!
एटीएम से रुपये उड़ाने की जांच के लिए एनसीआर ने एशिया पैसेफिक ग्लोबल सिक्यूरिटी के सीनियर इन्वेस्टिगेटर मसूद हुसैन को हायर किया है. दिल्ली से पटना आये मसूद हुसैन पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. किस तरह से इंजीनियर गैंग पूरे सिस्टम को हैक कर रहा है, इसकी जांच की जा रही है. फिलहाल मसूद हुसैन का मानना है कि न्यूमेरिकल-की का इस्तेमाल किया जा रहा है. जांच अभी जारी है. इसके अलावा पैसा डिपॉजिट करानेवाली सिक्यूरिटी कंपनी एसआइएस ने भी एफआइआर दर्ज करा कर मामले की जांच करवा रही है.
टावर मैपिंग से खुल सकता है राज
अब तक पटना में मीठापुर एटीएम से 7.52 लाख, मकदुमपुर से 14.60 लाख, नासरीगंज 20 लाख, राजा बाजार से 26.28 लाख, आर ब्लॉक से 10.80 लाख, दुजरा से 9.88 लाख, सुलतानगंज से 19.20 लाख सहित अन्य स्थानों से भी भारी रकम निकाली गयी है. जांच में यह भी पता चला है कि घटना के दौरान इंजीनियर गैंग ने फोन पर बात की है. पुलिस अब टावर मैपिंग के जरिये इस गैंग तक पहुंचेगी. इसके लिए पड़ताल शुरू हो गयी है.
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