पटना: भाकपा के पूर्व महासचिव एबी बर्धन ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उनकी पार्टी धर्मनिरपेक्ष है. हम यह बात भाजपा से जदयू के अलग होने के बाद नहीं कह रहे, बल्कि इसके पहले भी कहते रहे हैं. भाजपा ने नीतीश कुमार का लाभ उठा कर अपने विधायकों की संख्या 52 से 92 तक बढ़ा ली. हालांकि, भाजपा-जदयू में साढ़े सात वर्षो तक सत्ता के लिए अवसरवादिता का गंठबंधन था. बिहार में भाजपा तो नीतीश कुमार को उकसाने का काम कर ही रही है. कहीं-कहीं पर लालू प्रसाद के लोगों ने भी नीतीश कुमार को उकसाने का काम किया है. यह हम पिछले दिनों की घटनाओं के आधार पर कह रहे थे. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले व बाद में धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक पार्टियों, क्षेत्रीय दलों व वाम पार्टियों की वैकल्पिक सरकार देश में बनेगी.
दीपंकर की मोहताज नहीं पार्टी
पार्टी कार्यालय जनशक्ति भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में बर्धन ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अगर नीतीश कुमार कांग्रेस के साथ जाते हैं, तो हम उनसे भी दूरी बना लेंगे. भाकपा ने गैर कांग्रेसवाद व गैर भाजपावाद से अलग रास्ता अख्तियार किया है. वाम एकता की बात करनेवाले बर्धन से जब यह पूछा गया कि माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने नीतीश सरकार को गरीब विरोधी बताया है और कहा है कि वाम दल अगर नीतीश से गंठबंधन करते हैं, तो हम उस वाम एकता से अलग हो जायेंगे, इस पर उन्होंने कहा कि दीपंकर के पहले से सीपीआइ अस्तित्व में है और हम अपने निर्णय के लिए उनसे पूछने नहीं जायेंगे.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा विपक्ष का लाभ उठाना चाहती है और यह संभव है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस से अधिक सीटें मिले. उसे 140-145 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस को 110 पर ही आउट होना पड़ेगा. नरेंद्र मोदी के गुजरात मॉडल को झूठ बताते हुए उन्होंने कहा कि मोदी समाज तोड़ने की राजनीति करते हैं, जोड़ने की नहीं. यह कहने की क्या जरूरत है कि मैं हिंदू हूं और मैं राष्ट्रवादी हूं. राष्ट्रीयता के लिए क्या मुसलमान व ईसाई को प्रमाणपत्र देना पड़ेगा.
बिहार व यूपी में अभी किसी से गंठबंधन नहीं : रेड्डी
सीपीआइ महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा कि अभी बिहार व यूपी में सीपीआइ का किसी से गंठबंधन नहीं है. आनेवाले दिनों में राजनीतिक गतिविधियों के आधार पर निर्णय लिया जायेगा.
उन्होंने कहा कि देश की वित्तीय हालत ठीक नहीं है. चावल-दाल व प्याज तक महंगे हो गये हैं. गैस का बड़ा घोटाला हुआ है. जिस गैस का उत्पादन लागत 2.79 मिलियन डॉलर है, उसे बढ़ा कर 8.4 मिलियन डॉलर कर दिया गया. गैस का दाम अमेरिकी डॉलर में भुगतान किया जा रहा है. वित्त मंत्री ने तो इसका मूल्य 11 मिलियन डॉलर करने का प्रस्ताव किया था. मुकेश अंबानी को इसके माध्यम से 1500 करोड़ का मुनाफा हुआ है. भाजपा व कांग्रेस की आर्थिक नीतियां एक जैसी हैं.