पटना: शहर के बाद अब ग्रामीण इलाके के उपभोक्ताओं को भी घर बैठे बिजली बिल व पैसे जमा करने की सुविधा उपलब्ध कराने की कवायद शुरू की जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बिल पहुंचाने से लेकर वसूली तक का काम फ्रेंचाइजी से कराने का निर्णय लिया गया है. राज्य के लगभग 15 लाख ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए लगभग डेढ़ हजार फ्रेंचाइजी बहाल होंगे. उन्हें बिजली कंपनी की ओर से निर्धारित इनसेंटिव दिया जायेगा.
कैसे होगी फ्रेंचाइजी
किसी व्यक्ति या एजेंसी को फ्रेंचाइजी का काम दिया जायेगा. 11 केवीए के फीडर को आधार मान कर फ्रेंचाइजी का काम सौंपा जायेगा. राज्य में 11 केवीए के 1013 ग्रामीण फीडर हैं. लेकिन, एक फीडर पर एक हजार उपभोक्ताओं पर एक इकाई बनायी जायेगी. जरूरत पड़ी, तो एक ही फीडर में कई फ्रेंचाइजी बहाल होंगे. समर्थ एजेंसी अगर 11 केवीए फीडर के अधीन एक हजार से अधिक उपभोक्ताओं को बिजली बिल देने, मीटर रीडिंग करने व वसूली करने का काम करना चाहेगी, तो उनको भी एक हजार उपभोक्ताओं की इकाई के आधार पर ही काम करना होगा.
देनी होगी सिक्यूरिटी
फ्रेंचाइजी लेने के लिए बिजली कंपनी में सिक्यूरिटी मनी जमा करनी होगी. एक हजार उपभोक्ताओं का मासिक बिल एक लाख रुपये मासिक आता है, तो उन्हें 10 हजार रुपये सिक्यूरिटी मनी के रूप में जमा करनी होगी. पांच लाख से कम के मासिक बिल में 10 प्रतिशत सिक्यूरिटी जमा करनी होगी. पांच लाख या इससे से अधिक मासिक बिल आने पर सिक्यूरिटी मनी के रूप में 15 प्रतिशत राशि जमा करनी होगी. अर्थात, पांच लाख मासिक बिल आने की स्थिति में 75 हजार रुपये सिक्यूरिटी मनी के रूप में जमा करने होंगे.
60 प्रतिशत कलेक्शन पर ही इनसेंटिव
एक हजार उपभोक्ताओं में से कम-से-कम 600 उपभोक्ताओं का मीटर रीडिंग, बिजली बिल उपलब्ध कराने और बिल वसूली पर ही इनसेंटिव का लाभ मिलेगा. तीनों सेक्टरों में 60 प्रतिशत परिणाम देने पर फ्रेंचाइजी लेनेवाले को छह प्रतिशत का इनसेंटिव मिलेगा. 70 प्रतिशत पर सात, 80 प्रतिशत पर आठ, 90 प्रतिशत पर नौ और शत-प्रतिशत परिणाम देने पर 10 प्रतिशत इनसेंटिव मिलेगा.