22.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मात्र 27 हजार शिक्षकों ने ही दिया योगदान

पटना: प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में एक लाख, 22 हजार शिक्षकों का नियोजन होना है. लेकिन, अब तक मात्र 27 हजार ने ही योगदान दिया है. शिक्षा विभाग में जिलों से आयी रिपोर्ट के अनुसार, 95 हजार शिक्षकों को नियोजन पत्र दिया गया है. विभाग को उम्मीद है कि सितंबर तक एक लाख शिक्षक योगदान […]

पटना: प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में एक लाख, 22 हजार शिक्षकों का नियोजन होना है. लेकिन, अब तक मात्र 27 हजार ने ही योगदान दिया है. शिक्षा विभाग में जिलों से आयी रिपोर्ट के अनुसार, 95 हजार शिक्षकों को नियोजन पत्र दिया गया है. विभाग को उम्मीद है कि सितंबर तक एक लाख शिक्षक योगदान दे देंगे. लेकिन, योगदान देने की रफ्तार कुछ और ही हकीकत बयां कर रही है. जून की शुरुआत से ही नियोजन पत्र वितरित हो रहे हैं. तीन माह में तीनों चरणों के वितरण का कार्य समाप्त होना था, लेकिन अभी दूसरे चरण का ही वितरण कार्य चल रहा है.

क्या है वजह
कम योगदान देने का मुख्य कारण यह है कि एक-एक अभ्यर्थी को 20-20 नियोजन पत्र मिले हैं, जबकि वे योगदान किसी एक ही विद्यालय में दे सकते हैं. ऐसे में अन्य विद्यालय की सीट खाली रह जा रही है. जबकि, प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थी नियोजन पत्र से वंचित हैं. माध्यमिक विद्यालयों में 17,500 में अभी तक नौ हजार शिक्षकों ने ही योगदान दिया है. विभाग ने जिलों को इस कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है, ताकि सभी सीटों पर शिक्षक नियोजित हो जायें.

18 साल से नियुक्ति का इंतजार
वर्ष 1995 में निकले विज्ञापन के तहत नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को 18 साल तक का इंतजार करना पड़ा. कोर्ट के निर्देश पर इनकी नियुक्ति अब की जा रही है. हालांकि, अब भी 75 सीटों पर नियोजन पत्र वितरण शेष है. 1995 में तत्कालीन विद्यालय सेवा आयोग द्वारा इसका विज्ञापन निकला गया था. इसी के तहत जीव विज्ञान के 329 व गणित के 312 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति होनी है. विभिन्न कारणों से चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति रुकी हुई थी. लंबे समय तक यह मामला कोर्ट में रहा. कोर्ट के निर्देश के बाद इस मामले में दो बार काउंसेलिंग हुई. इसके बाद नियोजन पत्र वितरित किया जा रहा है. 75 अभ्यर्थी ऐसे हैं जो दोनों ही काउंसेलिंग में

विभिन्न कारणों से अनुपस्थित रहे
माध्यमिक शिक्षा के निदेशक राम बुझावन चौधरी ने कहा कि इस मामले में पटना हाइकोर्ट को पूरी स्थिति से अवगत करा दिया गया है. आगे जो भी आदेश कोर्ट का होगा, उसी हिसाब से खाली रह गयी सीटों पर विभाग निर्णय लेगा. पटना हाइकोर्ट ने 29 अगस्त को पूरी जानकारी देने का निर्देश विभाग को दिया है. कोर्ट ने इस दिन उच्च शिक्षा के निदेशक को तलब किया है और नियुक्ति से संबंधित पूरी जानकारी मांगी है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जनवरी/फरवरी, 2012 में 32,000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति हुई. लेकिन, खाली रह गये 2,400 से अधिक पदों पर नियुक्ति लटकी हुई है. 15 माह से अभ्यर्थी नियुक्ति की आस में भटक रहे हैं. इस नियुक्ति में कुल 34,540 पद हैं. वर्ष 2003 में ही सहायक शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति का विज्ञापन निकला था. विभिन्न कारणों से यह मामला सुप्रीम कोर्ट व पटना हाइकोर्ट में गया.

सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय तक सुनवाई चली. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही रिटायर न्यायाधीश की देख-रेख में 94 हजार अभ्यर्थियों की मेधासूची बनी. सुप्रीम कोर्ट ने मेधा सूची के आधार पर नियुक्ति का आदेश दिया. खाली रह गये पदों पर अभी तक फैसला नहीं हो पाया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही इस मामले को अब हाइकोर्ट देख रहा है. हाइकोर्ट ने विभाग को निर्देश दिया है कि तीन दिसंबर तक बतायें कि खाली पदों को भरने के लिए क्या नीति बना रहे हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें