पटना: अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण के तहत दर्ज मुकदमों के जल्द निबटारे के लिए पांच जिलों में विशेष अदालतों का गठन होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम की राज्यस्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की समीक्षा बैठक की. उन्होंने विधि विभाग व पटना हाइकोर्ट के महानिबंधक को अदालतों के गठन का निर्देश दिया. अदालतों का गठन पटना, गया, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय व भागलपुर में किया जाना है.
कल्याण पर्यवेक्षक के पद जल्द भरें : मुख्यमंत्री ने जिलों में स्थापित विशेष कोषांग के लिए 38 कल्याण पर्यवेक्षकों के पद को तेजी से भरने का निर्देश भी दिया. नवसृजित एससी-एसटी विशेष थानों में आधारभूत संरचना व अन्य साधन संपन्न कराने, थानों को गाड़ी, फैक्स व फोटो कॉपी मशीन उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया गया. समीक्षा में पाया गया कि पीड़ित व्यक्ति को राहत एवं पुनर्वास की सुविधा ससमय सुलभ करायी जा रही है. मुख्यमंत्री ने कल्याण सचिव को निर्देश दिया कि समिति की बैठक के एक सप्ताह पूर्व सभी सदस्यों को अनुपालन प्रतिवेदन व एजेंडा नोट की प्रति सुलभ करा दी जाये.
मुख्यमंत्री ने लोक अभियोजकों के कार्यकलापों की भी समय-समय पर समीक्षा करने का निर्देश दिया. जो लोक अभियोजक अच्छा काम नहीं करते हैं, उन्हें हटा कर नये लोगों को नियुक्त करने को कहा गया. मुख्य सचिव को जिलाधिकारियों के साथ समय-समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एससी-एसटी मामलों की समीक्षा करने को कहा. बैठक में एससी-एसटी मंत्री जीतन राम मांझी, योजना एवं विकास मंत्री नरेंद्र नारायण यादव, विधायक रामलषण राम रमण, दिनकर राम, सोनेलाल हेंब्रम, मनोहर प्रसाद सिंह, कन्हैया कुमार, विद्यानंद विकल, अशोक कुमार सिन्हा, एके चौहान, डॉ सी अशोकवर्धन, अंजनी कुमार सिंह, आमिर सुबहानी, अमृत लाल मीणा, अतीश चंद्रा, एसएम राजू, दीपक कुमार सिंह आदि मौजूद थे.