* दोनों मंत्रियों ने शहीदों की शहादत पर दिया था विवादास्पद बयान
नयी दिल्ली/पटना : जदयू ने जम्मू–कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पाक सैनिकों के हमले में भारतीय जवानों की शहादत पर अपनी सरकार के दो मंत्रियों भीम सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह द्वारा दिये गये बयानों को गंभीरता से लिया है. पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने दोनों मंत्रियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उन्हें सात दिनों के अंदर जवाब देने को कहा गया है.
इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने माना कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह का बयान दुखद है. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि जदयू प्रवक्ता सह सांसद केसी त्यागी ने दोनों मंत्रियों को पार्टी की ओर से नोटिस दिये जाने की बात कही है. दोनों मंत्री अपना जवाब देंगे.
श्री त्यागी ने कहा कि दोनों मंत्री पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. शहीदों की शहादत पर दोनों ने जो बयान दिये हैं, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उसे आपत्तिजनक माना है. उनका बयान पार्टी की नीति के अनुसार नहीं है. जदयू पूरी तरह शहीदों की शहादत के साथ है. उनके परिजनों की भावना के साथ है. पूरा देश शहीदों के साथ है.
यह राष्ट्रीयता का सवाल है. दोनों मंत्रियों ने जो इस मुद्दे पर बयान दिये, उससे पार्टी इत्तफाक नहीं रखती है. यही नहीं, दोनों मंत्रियों ने अपने बयान के बाद जो माफी मांगी थी, वह स्पष्ट नहीं हो सका. दोनों मंत्रियों का भूल सुधार अस्पष्ट है. इसके मद्देनजर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संज्ञान लिया है. उनके बयानों को अनुशासनहीनता के दायरे में रखते हुए सात दिनों में जवाब देने को कहा गया है.
श्री त्यागी ने कहा कि दोनों मंत्रियों के अलावा प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों को कहा गया है कि वे अगर भविष्य में कोई बयान देते हैं, तो संयम जरूर बरतें. प्रदेश स्तरीय कोई बयान देना हो, तो सबसे पहले मुख्यमंत्री से उसकी अनुमति ले लें. अगर राष्ट्रीय स्तर पर मंत्रियों को बयान देना होगा, तो वे राष्ट्रीय अध्यक्ष से पूछ लेंगे.
* शरद यादव ने भेजा नोटिस सात दिनों में मांगा जवाब
* मुख्यमंत्री ने नरेंद्र सिंह के बयान को भी बताया दुखद
* पलटे नरेंद्र, कहा–पाक को मुंहतोड़ जवाब दे भारत
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने शहीदों को लेकर जमुई में दिये अपने बयान पर रविवार को माफी मांग ली. उन्होंने अपने सरकारी आवास पर संवाददाताओं से कहा कि मैंने पाकिस्तान को निदरेष नहीं बताया था. जाने–अनजाने में कुछ ऐसी बात कह दी, तो इसके लिए खेद प्रकट करता हूं. सैनिकों की हत्या के मामले में केंद्र सरकार पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे. जदयू अध्यक्ष शरद यादव द्वारा नोटिस भेजने पर कहा कि
उन्होंने नोटिस नहीं देखा है. नोटिस का जवाब दिया जायेगा. यह भी कहा कि ग्रामीण कार्य मंत्री भीम सिंह के बयान पर समर्थन देने का सवाल ही नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ऐसी नीति बनाये कि किसी भी शहीद के परिजनों को केंद्र से अनुग्रह राशि के रूप में 50 लाख रुपये मिले. शहीद के परिवार का आजीवन भरण–पोषण की व्यवस्था भी हो. शहीद के गांव के पास आवास बना कर परिजनों को दिया जाये. शहीद के परिवार को सरकारी नौकरी और अन्य सुविधा भी दे. राज्य को भी अपनी क्षमता के अनुसार शहीदों के परिवारों सहायता देनी चाहिए.
उन्होंने कहा, छपरा में शहीद की अंत्येष्टि में भाग लेने वह जा रहे थे, लेकिन जाम के कारण समय पर नहीं पहुंच सका. बाद में शहीद के परिजनों से मिला और शहीद की प्रतिमा स्थापित करने और सड़क का नामकरण सहित सभी मांगें मानते हुए राज्य सरकार की ओर से 10 लाख रुपये का चेक भी दिया. राजनीतिक कारणों से शहीद के परिजनों को भड़का कर विरोधी दलों के नेताओं ने अनशन पर बैठाया. भाजपा द्वारा पाकिस्तान का प्रवक्ता कहे जाने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि भाजपा नेताओं को अनर्गल बोलने की आदत है.
उन्होंने कहा कि श्रीबाबू के बाद बिहार को नीतीश कुमार के रूप में ही सबसे अच्छा मुख्यमंत्री मिला है. सरकार को गिराने का सवाल ही नहीं उठता है. मुख्यमंत्री इस्तीफा मांगते हैं, तो भी जदयू के सिपाही के रूप में काम करता रहूंगा. बयान को लेकर शनिवार की रात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूछा था. मीडिया के सामने जो बात रख रहा हूं, वहीं बात मुख्यमंत्री को भी बताया था. मेरे बयान को बात का बतंगड़ बना दिया.
मैंने यह जरूर कहा था कि आतंकवादी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पैदा करने के लिए इस तरह की कार्रवाई करते हैं. मधु लिमये और जॉर्ज फर्नाडीज सहित समाजवादी नेताओं का हमेशा सोच रहा है कि भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका को आपस में उलझने के बजाय गरीबी मिटाने में धन और ताकत का इस्तेमाल करना चाहिए.
* (08 अगस्त)
भीम सिंह का बयान
(पटना एयरपोर्ट पर शहीदों के शव आने पर किसी मंत्री के नहीं पहुंचने के सवाल पर)
– (10 अगस्त)
नरेंद्र सिंह का बयान
हमले में पाकिस्तान सरकार का क्या दोष. अपने यहां भी तो नक्सली हमले होते रहे हैं, तो क्या उसे सरकार करा रही है? शहीद के परिजनों के साथ मेरी पूरी सहानुभूति है, पर परिजनों की मांग कि राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री आ जाएं, बेतुका है.
(एक चैनल से बातचीत में)