मौत तो एक दिन सबकी होती है, पर कुछ मौतें ऐसी होती हैं, जिन पर समाज गर्व करता है, वे अमर हो जाते हैं. चारों शहीद जवान भी अमर हो गये. उनकी अंत्येष्टि पर हर जगह भारी भीड़ जुटी. उधर, संसद में रक्षामंत्री पिछले बयान से पलट गये. उन्होंने माना कि पाक सेना ने ही किया था हमला.
बिहटा/छपरा/आराजम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तानी सेना के हमले में शहीद बिहार के चार जवानों की अंत्येष्टि गुरुवार को गम और गुस्से के बीच उनके पैतृक गांवों में राजकीय सम्मान के साथ की गयी. इस दौरान पाकिस्तान के खिलाफ जम कर नारे लगे. आक्रोशित परिजनों व गांववालों ने पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग की. अंत्येष्टि के पूर्व दानापुर स्थित बिहार रेजिमेंट सेंटर और बिहार पुलिस के जवानों ने शहीदों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया.
सुबह करीब 6:10 बजे शहीद विजय कुमार राय का शव फूलों से सजे ट्रक से आनंदपुर के गृह रक्षा वाहिनी के मुख्य द्वार में प्रवेश किया. वहां से लेकर शहीद के गांव ठेकहा के बीच तीन किमी तक ग्रामीण सड़क की दोनों तरफ खड़े थे. शव के साथ सैकड़ों मोटरसाइकिल सवार युवक, डीएसपी सुशांत कुमार सरोज, एसडीओ अवनीश कुमार सिंह व थानाध्यक्ष आरके शर्मा सहित सेना के जवान चल रहे थे. युवक पाकिस्तान के खिलाफ लगातार नारेबाजी कर रहे थे. शहीद के चाचा व केंद्रीय अर्धसैनिक बल से सेवानिवृत्त रामबीर सिंह काफी गुस्से में थे. उन्होंने कहा, यह कुरबानी तब सार्थक होगी, जब भारत सरकार इसका करारा बदला लेगी. युद्ध से लड़ाई जीती जाती है, बात से नहीं. वहीं, शहीद की पत्नी पुष्पा व भाई विनय ने कहा कि सरकार को अभी राशि की नहीं, पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की बात करनी चाहिए. आनंदपुर पंचायत के मुखिया राजन साव ने कहा कि पाक का यह कृत्य काफी घिनौना है. शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि पाकिस्तान से बदला लिया जाये.
ठेकहा में करीब एक घंटे तक शव रखने के बाद उसे दाह-संस्कार के लिए मनेर के ब्यापुर के गंगा तट लाया गया. गंगा घाट पर भी जुटी हजारों की भीड़ पाकिस्तान हाय-हाय, नवाज शरीफ मुरदाबाद के नारे लगा रही थी. घाट पर मौजूद राजनीतिक दलों के लोग भी नारेबाजी में साथ दे रहे थे. करीब 11 बजे शहीद विजय के छह वर्षीय पुत्र विवेक ने जब उन्हें मुखाग्नि दी, तो सभी की आंखें नम हो गयीं. उद्योग मंत्री रेणु कुशवाहा, भाजपा के रवि शंकर प्रसाद, डॉ सीपी ठाकुर, अरुण कुमार सिन्हा, अनिल कुमार, चितरंजन कुमार व आशा सिन्हा, राजद के भाई वीरेंद्र व देवमुनि सिंह यादव, जदयू के श्रीकांत निराला, प्रो सूर्य देव त्यागी, अवधेश यादव, अमरनाथ प्रसाद, मनोरंजन कुमार, मनोज कुमार, रंजीत कुमार ने शहीद विजय को श्रद्धांजलि अर्पित की. लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान भी शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
शहीद शंभु शरण राय के शव की अंत्येष्टि भोजपुर के जगदीशपुर के हरनही गांव में सुबह राजकीय सम्मान के साथ की गयी. शहीद के दो वर्षीय पुत्र पीयूष ने उन्हें मुखाग्नि दी. पत्नी सपना देवी का जहां रो-रो कर बुरा हाल था, वहीं उनके बच्चों के चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया. पिता वंशीधर राय व भाई हरेराम राय एयरफोर्स में हैं. दोनों ने कहा कि पाकिस्तान से बदला लिया जाये. इस मौके पर डीएम पंकज कुमार पाल, एसपी सत्यवीर सिंह सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. इससे पूर्व खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने सुबह हरनही पहुंच कर शहीद शंभु को श्रद्धांजलि अर्पित की.
सारण के जलालपुर के सम्हौता गांव के शहीद प्रेमनाथ सिंह की अंत्येष्टि रिविलगंज प्रखंड के सेमरिया घाट स्थित मुक्तिधाम में हुई. अंत्येष्टि में सैकड़ों लोग शामिल हुए. सुबह शहीद का शव सम्हौता से मिनी ट्रक पर रख कर सेमरिया घाट के लिए रवाना हुआ. ट्रक के आगे और पीछे सैकड़ों मोटरसाइकिलों व चारपहिया वाहनों का काफिला साथ-साथ चल रहा था. काफिले में शामिल युवा शहीद प्रेमनाथ अमर रहे और पाकिस्तान मुरदाबाद, हिंदुस्तान जिंदाबाद का नारा लगा रहे थे. शव के घाट पर पहुंचते ही नारेबाजी तेज हो गयी. शहीद के चार वर्षीय पुत्र प्रतीक रंजन ने उन्हें मुखाग्नि दी. अंत्येष्टि के समय लोगों की आंखें भर आयीं, जब उनके पिता व पुत्र ने उन्हें सैल्यूट किया. इस मौके पर सारण के डीएम अभिजीत सिन्हा और एसपी सुजीत कुमार, पूर्व मंत्री जनार्दन सिंह सीग्रीवाल समेत अन्य उपस्थित थे.
प्रेमनाथ के गांव के पांच सौ से ज्यादा घरों में दूसरे दिन भी चूल्हा नहीं जला. गांव के बुजुर्ग धनंजय सिंह बताते हैं कि गांव का बेटा शहीद हुआ है. किसी को खाने-पीने का होश नहीं है. दो दिनों से कोई युवक सोया नहीं है. छोटे बच्चे भी इस मातमी दृश्य से सहम गये हैं.
वहीं, सारण जिले के एकमा गांव के अविवाहित जवान रघुनंदन प्रसाद की मांझी थाना अंतर्गत डुमाईगढ़ घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गयी. शहीद रघुनंदन को उनके चाचा त्रिभुवन प्रसाद ने मुखाग्नि दी.