पटना: राज्य की किसी प्रतियोगिता की प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में अब आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. चाहे वह बिहार लोक सेवा आयोग व राज्य कर्मचारी चयन आयोग या किसी अन्य द्वारा ली जानेवाली परीक्षा हो. आरक्षण का लाभ मुख्य परीक्षा में ही मिलेगा. मंगलवार को पटना हाइकोर्ट के न्यायाधीश नवनीति प्रसाद सिंह के एकलपीठ ने कृष्णा सिंह की याचिका की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया.
यह फैसला उन परीक्षाओं पर लागू नहीं होगा, जो पहले आयोजित हुई थीं. भविष्य में होनेवाली पीटी में यह फैसला लागू होगा. कोर्ट ने कहा कि आरक्षण का लाभ किसी प्रतियोगी परीक्षा में एक ही बार मिलना चाहिए. पीटी व मुख्य दोनों परीक्षाओं में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है.
यदि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का लाभ दिया जाता है, तो यह संविधान के अनुच्छेद 14 व 16 ए का उल्लंघन होगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन स्क्रीनिंग के लिए किया जाता है. यह निर्णय बीपीएससी की 53वीं से 55वीं तक की परीक्षा को लेकर चल रहे मामले पर आया है. इसकी मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण 2610 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार भी हो चुका है. कोर्ट में मामला चलने के कारण रिजल्ट रुका हुआ है. 972 पदों के लिए 2610 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार हुआ था.