राज्य के 2.42 लाख नियोजित शिक्षकों में से एक लाख को चार महीनों से वेतन नहीं मिला है. इसका कारण निचले स्तर की ब्यूरोक्रेसी की लापरवाही है. सरकार ने शिक्षकों को समय पर वेतन की राशि उनके बैंक खातों में डालने की योजना तैयार की. जिलों को वेतन की राशि भी भेज भी दी गयी. पर, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों की सुस्ती से एक लाख शिक्षकों का अब तक बैंक खाता नहीं खुल पाया है. उधर, 11 हजार से अधिक आंगनबाड़ी सेविकाओं व साढ़े आठ हजार सहायिकाओं के पद खाली होने से चार लाख बच्चों को पोषाहार नहीं मिल रहा है.
पटना: निचले स्तर पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों की लापरवाही से राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के एक लाख नियोजित शिक्षकों को चार माह से वेतन नहीं मिला है. 11 जिले ऐसे हैं, जहां के सभी शिक्षक वेतन से वंचित हैं. शेष 27 जिलों में भी 50 प्रखंडों में नियोजित शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पाया है. राज्य के 534 में करीब 200 से अधिक प्रखंडों में यह स्थिति है. औरंगाबाद जिले के 11 में आठ प्रखंडों में शिक्षक चार माह से बिना वेतन के काम कर रहे हैं. भागलपुर के पीरपैंती प्रखंड के एमएस डब्ल्यूगंज के प्रधान शिक्षक गौतम बताते हैं कि उनके विद्यालय के किसी शिक्षक को मार्च के बाद वेतन नहीं मिला है. इसके मुख्य कारण स्थानीय स्तर की समस्याएं हैं. जिलों में राशि पड़ी हुई है. कहीं पर शिक्षकों का बैंक खाता नहीं खुला है, तो कहीं पर नियोजन इकाइयों का, जबकि खाता खोलने का कार्य एक साल से चल रहा है. राज्य में 2.42 लाख शिक्षक नियुक्त हैं.
क्या कहते हैं शिक्षा पदाधिकारी
अप्रैल, 2013 से नयी व्यवस्था के तहत नियोजित शिक्षकों को वेतन का भुगतान करना है. एक ही बैंक में जिले के सभी नियोजन इकाइयों व शिक्षकों का बैंक खाता खुलना था, जिसमें देरी हुई. जिला व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी बताते हैं कि नियोजन इकाइयां रुचि नहीं ले रही हैं. नियोजन इकाइयों को ही शिक्षकों की अबसेंटी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को भेजनी है. इसी आधार पर जिला द्वारा बैंकों को सूची भेजी जायेगी. फिर वेतन शिक्षकों के खातों में जायेगा. बैंक भी छोटी-छोटी बात पर परेशान कर रहे हैं. बैंक पदाधिकारी सहयोग नहीं कर रहे हैं, जिससे खाता खुलवाने में देर होती है.
क्या कहते हैं बैंक पदाधिकारी
एसबीआइ, भागलपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक के शरण ने बताया कि कई शिक्षकों का आंकड़ा ही गलत मिला था. वेतन राशि में अंतर थी. इन्हें सुधारा जा रहा है. बैंक की ओर से कोई देरी नहीं की जा रही है. पैसा व जिलों से शिक्षकों की अबसेंटी मिलते ही राशि खातों में ट्रांसफर की जा रही है.
इन जिलों में किसी प्रखंड में वेतन भुगतान नहीं
सहरसा, सारण, शेखपुरा, सीतामढ़ी, खगड़िया, अररिया, बक्सर, पूर्णिया, पश्चिम चंपारण व मधुबनी में एक भी प्रखंड में वेतन नहीं भुगतान हुआ है. 17 जिलों में सिर्फ पंचायत शिक्षकों को भुगतान हुआ है.
बैंक पदाधिकारियों के साथ बैठक आज
नियोजित शिक्षकों को वेतन भुगतान में हो रही देरी को लेकर शिक्षा विभाग ने मंगलवार को संबंधित ब बैंक के नोडल पदाधिकारियों की बैठक बुलायी है. बैठक में समीक्षा होगी कि किस स्तर पर समस्या है, जिससे देरी हो रही है. बुधवार को सभी जिलों के डीपीओ की बैठक होगी, जिसमें भी शिक्षकों के वेतन भुगतान की समीक्षा होगी.