पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सरकार से राज्य के अधिकतर जिलों में सूखे की स्थिति को देखते हुए सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है. सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि सूखे की भयावह स्थिति है. इस वर्ष 31 फीसदी कम वर्षा हुई है. मात्र 50 फीसदी रोपनी हुई है. पांच जिलों में 10 फीसदी से कम रोपनी हुई है. 443 प्रखंडों में मात्र 20 फीसदी वर्षा हुई है.
ऐसे में अगर आनेवाले दिनों में वर्षा होती भी है, तो किसानों के नुकसान को पूरा नहीं किया जा सकता है. मोदी ने कहा कि 2004 में 30, 2006 में पांच, 2009 में 26 व 2010 में सभी 38 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था. उन्होंने कहा कि 2010 में चार अगस्त को 28 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था, तो 20 अगस्त को शेष 10 जिलों को भी घोषित किया गया था. आठ अगस्त को मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और पांच हजार करोड़ रुपये की सहायता मांगी थी.
12 अगस्त को केंद्रीय टीम ने सूखा का आकलन किया था. मोदी ने कहा कि जब तक सरकार सूखाग्रस्त क्षेत्र नहीं घोषित करती है, केंद्र द्वारा आपदा राहत निधि व राष्ट्रीय आकस्मिकता निधि से सहायता नहीं मिल सकती है. मोदी ने डीजल अनुदान योजना को महज कागजी बताते हुए कहा कि वर्ष 2012-13 में 527 करोड़ रुपये के प्रावधान के वावजूद मात्र 172 करोड़ रुपये का वितरण हो सका था.