पटना: नगर निगम के अतिक्रमण हटाने के आदेश के 48 घंटे बाद भी कोई असर नहीं दिख रहा है. निगम प्रशासन ने 27 जुलाई (शनिवार) को विज्ञापन के माध्यम से आवासीय क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था. आदेश था कि विज्ञापन प्रकाशित होने के 72 घंटे में अतिक्रमित क्षेत्र से व्यावसायिक गतिविधियां समेट लें और बनी इमारत को तोड़ दें.
नहीं तो 72 घंटे के बाद निगम व जिला प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई होगी. इमारत को तोड़ने के साथ ही व्यावसायिक प्रतिष्ठान को सील कर दिया जायेगा. कृष्णापुरी, श्रीकृष्णा नगर, पाटलिपुत्र और राजेंद्रनगर क्षेत्र में न तो व्यावसायिक गतिविधियां बंद हुईं और न ही अतिक्रमण हटाया गया. यहां तक कि नगर निगम की ओर से चिपकाये गये नोटिस को भी फाड़ दिया गया. अब 24 घंटे शेष हैं, जिसके बाद नगर निगम व जिला प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई शुरू होगी.
खड़ी कर लीं इमारतें
नियम के अनुसार पटना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट व पीआरडीए द्वारा आवंटित भूखंड पर इन कॉलोनियों में आवासीय भवन बनाना था, लेकिन आवंटियों ने आवासीय कॉलोनियों में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करनी शुरू कर दी और अतिक्रमण कर बड़ी इमारत भी बना ली.