पटना: औद्योगिक समूह बालाजी ग्रुप के बिहार-झारखंड व बंगाल स्थित दो दर्जन ठिकानों पर आयकर मुख्यालय-बिहार-झारखंड की टीमों ने गुरुवार को एक साथ छापेमारी की. इस दौरान लगभग एक हजार करोड़ रुपये के आयकर की हेराफेरी की जानकारी मिली है. आयकर, इन्वेस्टिगेशन प्रभाग के वरीय अधिकारियों के अनुसार, छापेमारी व जांच देर शाम तक जारी रही. जब्त दस्तावेजों व साक्ष्यों के आधार पर शुक्रवार को भी मूल्यांकन व जांच जारी रहेगी. जब्त कागजात व सेल्स रेकॉर्ड की जांच के बाद टैक्स में गड़बड़ी की कुल राशि का आकलन किया जायेगा. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बालाजी ग्रुप ने सिर्फ कोडरमा स्थित अपनी फैक्टरी में 100 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार दिखाया है, जिसमें 10 फीसदी बिक्री को कम करके आकलन दिखाया गया है. वहां मिले दस्तावेजों व सेल्स रेकॉर्ड में रुपये के ट्रांजेक्शन को सही-सही नहीं दिखाया गया है. अधिकांश खरीद-बिक्री को कैश ट्रांजेक्शन के तहत प्रदर्शित किया गया है.
कोलकाता की कंपनी का नहीं मिला वजूद
आयकर सूत्रों के अनुसार, बालाजी ग्रुप की 150 से 200 सब्सिडियरी कंपनी व फर्म हैं. इनमें एक दर्जन फर्मो को चिह्न्ति कर छापेमारी व जांच शुरू की गयी है. इनमें बालाजी इलेक्ट्रिकल, बालाजी होम्स, बालाजी बिलकॉन सहित अन्य फर्म शामिल हैं. इनके अतिरिक्त बालाजी ग्रुप में शेयर व अन्य माध्यमों से जिन कंपनियों का निवेश दिखाया गया था, उन कंपनियों का कोलकाता में कोई नामोनिशान नहीं मिला है. सूत्रों की मानें, तो बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा था. बोगस कंपनियों द्वारा लगभग 50 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को दिखाया गया है. बालाजी ग्रुप आयरन, बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रॉनिक सहित अन्य क्षेत्रों में कारोबार करता है. उसके द्वारा आयकर की गड़बड़ी करने की शिकायत लगातार मिल रही थी, जिसके बाद कार्रवाई का निर्णय किया गया.
सूत्रों ने बताया कि सभी टीमें 24 स्थानों पर जमी हुई हैं. वे मूल्यांकन कर रही हैं. उनके पास मूल्यांकन करनेवाले विशेषज्ञों को भेजा गया है. शुक्रवार को सभी जब्त कागजात की तहकीकात के बाद आधिकारिक रूप से कार्रवाई की दिशा तय की जायेगी.
आय का मुख्य स्नेत
बालाजी ग्रुप को देश में सिलिका मैग्निशियम के उत्पादन में एकाधिकारप्राप्त है. सिलिका मैगिAशियम का उपयोग स्टील कंपनियां लोहा गलाने में करती है. भारत सरकार से लेकर निजी क्षेत्र की बड़ी–बड़ी स्टील कंपनियों को भी सिलिका मैग्निशियम प्राप्त करने के लिए बालाजी ग्रुप पर निर्भर रहना पड़ता था.