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आषाढ़ बीता, सावन भी नाराज

पटना: जेठ के बाद आषाढ़ बीत गया. अब सावन भी आ गया, लेकिन आसमान में बादलों की न तो गरज सुनाई दे रही है, न बारिश की बूंद के आसार ही दिख रहे हैं. इससे राज्य में सुखाड़ की आशंका बढ़ गयी है. अब तक सूबे में 446.4 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन 335.4 […]

पटना: जेठ के बाद आषाढ़ बीत गया. अब सावन भी आ गया, लेकिन आसमान में बादलों की न तो गरज सुनाई दे रही है, न बारिश की बूंद के आसार ही दिख रहे हैं. इससे राज्य में सुखाड़ की आशंका बढ़ गयी है. अब तक सूबे में 446.4 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन 335.4 एमएम ही हो सकी है. यह सामान्य से 25 फीसदी कम है. इसका असर खेती पर भी पड़ा है. अभी राज्य में महज 35 फीसदी ही रोपनी हो सकी है. सामान्य बारिश होने पर इसका प्रतिशत 60-70 प्रतिशत तक होता. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कंटीजेंसी प्लान बनाने का निर्देश दिया है.

डीजल अनुदान के लिए 90 करोड़ जारी
सूखे की आशंका को देखते हुए कृषि विभाग ने खरीफ फसल में पटवन के लिए 90 करोड़ रुपये का डीजल अनुदान के लिए राशि जारी कर दी है. किसानों को डीजल अनुदान का लाभ बुधवार से किये जानेवाले पटवन पर दिया जायेगा. तीनचार दिनों में यह राशि किसानों के बीच वितरित भी होने लगेगी. मुख्यसचिव के यहां आयोजित समीक्षा बैठक में कृषि विभाग के पदाधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. बिचड़ा के लिए दो पटवन, जबकि धान की रोपनी के लिए तीन सिंचाई के लिए डीजल का अनुदान दिया जायेगा. मक्का में सिंचाई के लिए भी तीन सिंचाई के लिए डीजल अनुदान किसानों को मिलेगा.

नहर पर भी पड़ रहा बुरा असर
कम बारिश का सबसे अधिक असर सिंचाई प्रणाली माध्यमों पर हो रहा है. राज्य की नहरों में सामान्य पानी उपलब्ध रहने पर भी यह नाकाफी साबित हो रहा है. सिंचाई के लिए राज्य की प्रमुख नहर प्रणालियों में सोन सबसे अहम नहर प्रणाली है. हालांकि, इस वर्ष बिहार को उत्तरप्रदेश सरकार रिहंद जलाशय मध्यप्रदेश वाणसागर जलाशय से सोन नहर में पानी उपलब्ध करा रही है. इंद्रपुरी बराज के अप स्ट्रीम में 355 फुट, तो डाउन स्ट्रीम में 335 फुट पानी उपलब्ध है. सोन नदी का जलस्नव अप स्ट्रीम में 14450 क्यूसेक तक पहुंचा है.

जल
संसाधन विभाग के अधिकारी नहर में उपलब्ध इतना पानी को सामान्य स्थिति बता रहे हैं. पर, किसानों के लिए यह नाकाफी साबित हो रहा है. कम बारिश के कारण नहरों में पानी होने निचले छोड़ पर बसे गांवों के किसानों को पानी नहीं मिलने के कारण रोहतास, औरंगाबाद, भोजपुर आदि जिलों के किसानों ने धरनाप्रदर्शन शुरू कर दिया है. स्थिति बिगड़ते देख जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी को खुद इन क्षेत्रों का दौरा करना पड़ा. किसानों के बीच आपसी समझौता कराया जा रहा है, ताकि सबों को रोपनी करने का मौका मिल सके.

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