पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को धर्मासती गंडामन स्कूल की प्रधान शिक्षिका मीना कुमारी की गिरफ्तारी के चंद घंटे बाद संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 23 बच्चों की मौत की घटना सहज, सामान्य या भूलवश नहीं हुई है. यह भी तय है कि यह घटना संयोग या लापरवाही से नहीं हुई है. मेरे राजनीतिक जीवन में मशरक की घटना सबसे अधिक दिल दहला देनेवाली व हृदयविदारक है. इसका हमें बेहद दुख है. घटना में शामिल अपराधियों की खोज के लिए पुलिस अनुसंधान जारी है. अपराधियों को इस कृत्य के लिए कानून के कटघरे में खड़ा होना होगा.
घटना के बाद पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मुख्यमंत्री ने विपक्षी पार्टियों पर सीधा वार किया. कहा, न तो मैं मौन रहनेवाला व्यक्ति हूं और न ही घर में बैठनेवाला. बिहार की जनता ने मुङो जिम्मेवारी दी है और उसका मुङो एहसास है. कोई लाख चाह ले, जब तक बिहार की जनता और ईश्वर मेरे साथ हैं, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. लोकतंत्र में जनता मालिक होती है. सबको पता है कि पैर में चोट है. शारीरिक लाचारी को कोई मजाक का विषय बनाये, तरह-तरह के गोले दागे जा रहे हैं, इतने निचले स्तर तक जाकर कोई राजनीति करनेवालों को मुबारक. हमने कभी उस हद तक गिर कर राजनीति न की है और न ही करूंगा. घटना के दिन से लेकर आज तक पल-पल की जानकारी ले रहा हूं.
विभागीय अधिकारियों ने जो भी किया, वह मेरे ही आदेश पर हुआ है. घटना के बाद जो भी संभव हुआ, हमने किया. व्यक्तिगत रूप से एक -एक पल पर नजर रखा. डॉक्टरों द्वारा किये गये इलाज को सही ठहराते हुए सीएम ने कहा कि उनका लाइन ऑफ ट्रीटमेंट सही था. छपरा में डॉक्टरों को लगा था कि बच्चों की हालत सुधर रही है. लेकिन, हालत बिगड़ने लगे, तो पीएमसीएच लाने का फैसला लिया गया. पीएमसीएच लाने व पटना में इलाज के क्रम में भी कुछ बच्चों की मौत हो गयी. बाकी का इलाज हुआ. जब इन बच्चों को अस्पताल से छुट्टी करने की बात आयी, तो स्वास्थ्य विभाग को कहा गया कि मेडिकल बोर्ड गठित कर जांच करायी जाये. पूरी तरह से संतुष्ट होने पर ही बच्चों को अस्पताल से छोड़ा जायेगा. इसके बावजूद छपरा के डॉक्टर इन बच्चों पर आनेवाले दिनों में भी नजर रखेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस पूरे मामले का अनुसंधान कर रही है. प्रधान शिक्षिका की गिरफ्तारी हो चुकी है. पूछताछ में कुछ खुलासे होंगे. एसआइटी का गठन किया गया है, जिसमें दक्ष पुलिस अधिकारियों को लगाया गया है. हर पहलू से जांच होगी कि इसके पीछे क्या कारण हैं. एफएसएल की रिपोर्ट में यह बात उजागर हुई है कि कीटनाशक की मात्र अधिक थी. इससे कुछ और इंगित होते हैं.
विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए सीएम ने कहा कि इस तरह की घटना में कोशिश होती है कि कैसे पीड़ितों को राहत पहुंचायी जाये. लेकिन, विपक्ष ने एक अजीब तरह का माहौल पैदा किया. हमें अचरज हुआ कि जांच में मुश्किल पैदा किये जा रहे थे. पुलिस को गांव में जाने नहीं दिया जा रहा था. रास्ते में बाधा उत्पन्न की गयी. बंद का आयोजन किया गया. इसमें पीड़ित गांव के लोगों का कोई लेना-देना नहीं था. घटना को लेकर सीबीआइ जांच की मांग पर सीएम ने कहा कि यह एक तरह का फैशन हो गया है और यह उसी का हिस्सा है. मुख्यमंत्री ने माना कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभी काफी काम करना बाकी है. वर्ष 2006 में लिये गये निर्णयों के बाद अस्पतालों में कुछ काम हुए हैं.