पटना: जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि सुनियोजित ढंग से छपरा के मशरक के गंडामन विद्यालय के बच्चों को जहर खिलाया गया है. जहर की क्षमता इतनी अधिक थी कि खाने के दो मिनट बाद ही बच्चों पर असर होने लगा. जिस बच्चे ने सब्जी खायी, उसी पर असर हुआ. जिस बच्चे ने सिर्फ चावल-दाल खाये, उन्हें कुछ नहीं हुआ. सब्जी में ही जहर मिला था. घटना के दिन विद्यालय में 50 से अधिक बच्चे आये थे, जबकि रोज 20-25 ही आते थे. विद्यालय में बच्चे अधिक आएं, इसके लिए गांव में प्रचारित किया गया था कि आज बच्चों को किताबें बांटी जायेंगी.
उस दिन प्रधान शिक्षिका ने भी मिड-डे-मील नहीं खाया. पुलिसिया जांच रिपोर्ट में यह सब खुल कर आ जायेगा. श्री सिंह ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि जदयू का जांच दल गांव में जाकर पीड़ित परिवार से मिला है. अन्य लोगों से भी बात की. वहां उक्त जानकारियां मिलीं. उन्होंने आरोप लगाया कि जदयू व भाजपा बच्चों की लाश पर राजनीति कर रही है.
विपक्षी दल ऐसा करेंगे, तो राज्य में राजनीतिक संकट उत्पन्न हो जायेगा. घटना के दिन मुख्यमंत्री के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई हुई व बच्चों को एंबुलेंस से पटना लाया गया. श्री सिंह ने कहा कि उक्त घटना के बाद वहां जो स्थिति पैदा करने की कोशिश की गयी वह मधुबनी जैसी घटना दोहराने की साजिश थी. बंद समर्थकों ने पुलिस को गोली चलवाने के लिए मजबूर करने की भी कोशिश की. जांच टीम में श्री सिंह के अलावा सांसद आरसीपी सिंह, विधान पार्षद महाचंद्र प्रसाद सिंह, रामनाथ ठाकुर, राजकिशोर कुशवाहा, जगजीवन नायक शामिल थे.