पटना: केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने राजद और जदयू जैसे जनता परिवार के पूर्व घटकों के आपस में विलय की संभावना पर आज शंका प्रकट की और कहा कि ऐसा गठजोड नहीं बन पाएगा.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे गहरी शंका है कि जनता परिवार के पूर्व घटकों का आपस में कभी विलय होगा क्योंकि उसके घटकों के प्रमुख नेता प्रस्तावित नई पार्टी के नेतृत्व को लेकर सिर फुटव्वल करेंगे.’’ जनता परिवार को ‘गुमराह परिवार’ करार देते हुए पासवान ने कहा कि जिस अवधारणा या एजेंडे पर घटक एक दूसरे के साथ आएंगे वह तो स्पष्ट ही नहीं है तथा नेतृत्व का मुद्दा तो और जटिल क्षेत्र है.
लोक जनशक्ति पार्टी के सुप्रीमो ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव, शरद यादव एवं नीतीश कुमार का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘नये राजनीतिक दल में नीतीश कुमार की भूमिका क्या होगी जहां यादव त्रिमुख चीजें तय करेंगे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे राजद सुप्रीमो और नीतीश कुमार दोनों के साथ काम करने का अनुभव है और मेरे लिए यह कहना ठीक होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में जनता परिवार की क्षीण संभावना होगी क्योंकि दोनों अपने अपने वोट एक दूसरे के उम्मीदवार के पक्ष में नहीं अंतरित कर सकते.’’
दूसरी ओर धर्म परिवर्तन मामले पर कुछ हिंदू संगठनों के ‘घर वापसी’ अभियान को लेकर रामविलास पासवान ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा ने इस अभियान का कभी समर्थन नहीं किया है.केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘न तो प्रधानमंत्री ने और न ही भाजपा ने हिंदू संगठनों के ‘घर वापसी’ अभियान के समर्थन में कुछ कहा है.’’
उन्होंने कहा कि जहां तक उनका विचार है तो अपनी पसंद से किसी के धर्म बदलने में कुछ गलत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘जबर्दस्ती या प्रलोभन देकर धर्मांतरण बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए लेकिन साथ ही, यदि कोई दूसरे धर्म को अपनाने का फैसला करता है तो उसमें कुछ गलत नहीं है. ’’ पासवान ने कहा कि 1950 के दशक में बी आर अंबेडकर द्वारा अपनी मर्जी से बौद्ध धर्म अपनाना कोई खबर नहीं बनी और न ही उस पर बहस हुई.
‘पीके’ फिल्म पर उठे विवाद पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चूंकि उन्होंने फिल्म नहीं देखी है अतएव वह कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं.