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नीतीश सरकार मिड डे मिल घटना को राजनीतिक रंग दे रही है

छपरा-पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री पी के शाही के सारण जिला में माध्याहन भोजन खाने से हुई 22 बच्चों की मौत तथा 24 अन्य के बीमार होने के मामले में राजद का नाम लिए बिना उसके द्वारा साजिश रचने की आशंका व्यक्त किए जाने पर महाराजगंज से राजद सांसद प्रभुनाथ सिंह ने आज कहा कि […]

छपरा-पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री पी के शाही के सारण जिला में माध्याहन भोजन खाने से हुई 22 बच्चों की मौत तथा 24 अन्य के बीमार होने के मामले में राजद का नाम लिए बिना उसके द्वारा साजिश रचने की आशंका व्यक्त किए जाने पर महाराजगंज से राजद सांसद प्रभुनाथ सिंह ने आज कहा कि नीतीश सरकार इस घटना को भी राजनीतिक रंग देने में लगी है.

शाही के शाही के सारण जिला में माध्याहन भोजन खाने से हुई 22 बच्चों की मौत तथा 24 अन्य के बीमार होने के मामले में राजद का नाम लिए बिना उसके द्वारा साजिश रचने की आशंका व्यक्त किए जाने और पार्टी सुप्रीमों लालू प्रसाद से यह पूछे जाने पर कि वे यह बताएं कि अर्जुन राय और ध्रुव राय कौन हैं, सिंह ने आज कहा कि नीतीश सरकार इस घटना को भी राजनीतिक रंग देने में लगी है.

सिंह ने कहा ‘मान लिया जाए कि ये दोनों राजद के हैं और हमने कब कहा है कि वे राजद के हैं, इसलिए उन्हें छोड दिया जाना चाहिए’. इस घटना के विरोध में राजद द्वारा आज बुलाए गए सारण बंद की कमान संभालने वाले सिंह ने कहा कि हमने हमेशा कहा है कि इसकी जांचकर घटना के दोषियों को चिंहित करें और उन्हें सामने लाए और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस घटना को भी राजनीतिक रंग देना चाहती है. पटना में आज संवाददाताओं को संबोधित करते हुए राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे और प्रधानसचिव रामकृपाल यादव ने इस घटना को प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा बताया है.

राजद के इन नेताओं ने कहा कि मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता को लेकर बिहार विधानमंडल के भीतर और बाहर कई बार सवाल उठाए गए फिर भी राज्य सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया.

उन्होंने इस योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार में सरकारी तंत्र के साथ सरकार से जुडे लोगों के स्वयं सेवी संगठनों के लिप्त होने का आरोप लगाया. वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस घटना के तुरंत बाद राज्य सरकार ने अगर संवेदनशीलता और गंभीरता दिखाई हुए उन्हें घटना के तुरंत बाद पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाने की व्यवस्था करती तो मरने वाले अधिकांश बच्चों को बचाया जा सकता था.

उन्होंने मध्यान्ह भोजन योजना के लिए बिहार में आधारभूत संरचना की कमी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि माध्यान्ह भोजन में छिपकिली गिरने की आए दिन मिलने वाले समाचार का मुख्य कारण स्कूलों में भोजन बनाने के लिए प्रयाप्त जगह और साधन का अभाव है.

शिक्षा विभाग के प्रधानसचिव अमरजित सिन्हा ने बताया कि मध्यान्ह भोजन को निरंतर बेहतर करने के लिए उसके अनुश्रवण की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में मध्यान्ह भोजन में छिपकली गिरने से बच्चों को डायरिया या बेहोशी की 6-7 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं.

सिन्हा ने कहा कि प्रदेश के 18 हजार स्कूलों जहां किचेन शेड नहीं हैं भारत सरकार से आग्रह करके पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में 103 करोड रुपये लिए हैं और बरसात के बाद उनका निर्माण किया जाएगा. सारण प्रमंडल के आयुक्त शशि शेखर शर्मा और पुलिस उपमहानिरीक्षक विनोद कुमार के नेतृत्व में गठित जांच आयोग ने आज मशरख पहुंचकर मामले की जांच शुरु कर दी. इस जांच टीम को विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए खाना के जांच नमूने उपलब्ध कराए गए.

सारण प्रमंडल के आयुक्त शशि शेखर शर्मा ने बताया कि वे एक-दो दिनों के भीतर सरकार को जांच रिपोर्ट सौंप देंगे. उन्होंने कहा कि इस मामले में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी की पुलिस द्वारा जांच की जाएगी.

उन्होंने कहा कि जांच दल अपनी रिपोर्ट में इस मामले में प्रशासनिक लापरवाही की जांच के साथ मध्यान्ह भोजन योजना को और बेहतर ढंग से कैसे लागू किया जा सकता, यह भी सुझाव देगा. शर्मा ने कहा कि इस मामले में दायर करायी गयी प्राथमिकी पर पुलिस द्वारा जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

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