पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने नियत वेतन पर नियुक्त शिक्षकों के वेतन में दोगुनी बढ़ोतरी व वित्तरहित शिक्षण संस्थानों को पिछले चार वर्षो का बकाया अनुदान देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होने पर विधानमंडल सत्र के दौरान भाजपा सदन में सरकार को घेरेगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्री मोदी ने कहा कि लाखों शिक्षक महंगाई की मार से बेहाल हैं.
उनकी पेंशन की राशि व चिकित्सा भत्ता भी दिया जाना जरूरी है. वित्तरहित डिग्री कॉलेजों को 2010, 2011, 2012 व 2013 में कोई अनुदान नहीं दिया गया है. मात्र दो वर्षो 2008 व 09 का ही अनुदान दिया गया है. इसी प्रकार वित्तरहित इंटर कॉलेजों को एक वर्ष ही अनुदान दिया गया है. इन कॉलेजों की संख्या 507 है व वित्तरहित माध्यमिक विद्यालयों की संख्या750 है.
जदयू के पास था शिक्षा विभाग
उन्होंने कहा कि सरकार में रहने के दौरान शिक्षा विभाग जदयू के पास था, ऐसे में भाजपा चाह कर भी मदद नहीं कर पा रही थी. अब हम उनकी लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक लड़ेंगे. स्थायी व नियत वेतनमानवाले शिक्षकों को वेतन देने के बावजूद सरकार के पास 2602 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं. इससे नियत वेतनवाले शिक्षकों की मांगों को पूरा किया जा सकता है. केंद्र पर दबाव बना कर भी सर्व शिक्षा अभियान मद की राशि से इन्हें वेतन उपलब्ध करा सकती है. मौके पर विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव, विधान पार्षद नरेंद्र प्रसाद सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडे, विधायक विनोद नारायण झा मौजूद थे.