कोसी, महानंदा बागमती, बुढ़ी गंडक,गंडक, लखन देही , गंगा में आयी बाढ़ से सीमांचल क्षेत्र में बड़ी आबादी प्रभावित हुई है. रविवार को बाढ़ की पानी में डूबने से नौ लोगों की मौत हो गयी. धान व मूंग की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. वहीं, सामान्य से कम बारिश होने के कारण राज्य के दक्षिणी हिस्से में धान की रोपनी में तेज नहीं आयी है. कई जिलों जिलों में तो रोपनी शुरू भी नहीं हुई है. 12 जुलाई तक राज्य में मात्र 20 फीसदी रोपनी हो पायी है.
मुजफ्फरपुर/भागलपुर: कोसी, महानंदा, बागमती, बुढ़ी गंडक,गंडक, लखन देही व गंगा में आयी बाढ़ में डूबने से रविवार को म्पूर्णिया छह, कटिहार में दो व मुजफ्फरपुर में एक की मौत हो गयी. सुपौल के राघोपुर प्रखंड स्थित गम्हरिया उप शाखा नहर 20 फुट तक क्षतिग्रस्त हो गयी है. इससे सिमराही के करीब 50 एकड़ में धान की फसल को क्षति पहुंची है. स्थिति का जायजा लेने के लिए रविवार को जदयू अध्यक्ष शरद यादव बाढ़ग्रस्त क्षेत्र पहुंचे और स्टीमर से केदली घाट स्थित इ-2 स्पर से कोसी तटबंध के अंदर तीन घंटे तक जायजा लिया.
उधर, अररिया में भी हजारों मकान बाढ़ में ध्वस्त हो गये. किशनगंज के आधा दर्जन से अधिक पंचायतों का संपर्क जिला मुख्यालय से भंग हो गया है. नदियों के जल स्तर के बढ़ने-घटनेसे लोगों की परेशानियां जस–की–तस बनी हुई हैं.
पूर्णिया के अमौर प्रखंड कीनितेंदर पंचायत के लालटोली गांव की 16 वर्षीया अजमेरी खातून का घर पानी से घिरा हुआ है. वह जलावन लाने जा रही थी कि पानी की धारा में उसका पैर फिसल गया और वह वहीं डूब गयी. बायसी प्रखंड के हरेरामपुर चौक पर एक साढ़े तीन वर्ष का बच्च और श्रीनगर थाने के चांद घाट पर सितवा नदी में नहाने गयी 10 वर्षीया पानफूल व 14 वर्षीया आजनुर खातून की डूब गयीं.
गोताखोरों ने दोनों शवों को बाहर निकाला. वहीं, डगरूआ प्रखंड के किशनपुर गांव के 18 वर्षीय मो वाजिद और महमदिया गावं के 21 वर्षीय आरिफ जमाल पनार नदी की तेज धारा में बह गये. कटिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है. बारसोई प्रखंड की शिवानंदपुर पंचायत के मथुरापुर ग्राम निवासी मो समद के पुत्र पांच वर्षीय पुत्र मो तोफिक व कदवा प्रखंड की र्भी पंचायत के 65 वर्षीय सुरेंद्र राय की मौत महानंदा नदी की बाढ़ में डूबने से हो गयी.
नहर टूटने से फसल बरबाद
सुपौल जिले के राघोपुर प्रखंड में रविवार को गम्हरिया उप शाखा नहर के 20 फुट लंबाई में क्षतिग्रस्त होने से सिमराही के करीब 50 एकड़ में तीन से पांच फुट तक पानी का जमाव हो गया है, जिससे धान की फसल को नुकसान पहुंचा है. कार्यपालक अभियंता शंकर प्रसाद मंडल ने बताया कि क्षतिग्रस्त भाग की मरम्मत की जा रही है. इसके लिए जेसीबी की मदद ली जा रही है.
मधेपुरा के आलमनगर प्रखंड में कोसी की विनाशलीला जारी है. नदी के बढ़े जल स्तर से कई गांवों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. लोग सुरक्षित जगहों की ओर पलायन कर रहे है. किशनगंज में बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है. लेकिल, जिले के टेढ़रागाछ, दिघलबैंक, बहादुरगंज, कोचाधामन व ठाकुरगंज प्रखंडों में आधा दर्जन पंचायतों का संपर्क प्रखंड व जिला मुख्यालय से कट गया है.
अररिया जिले में नदियों के जल स्तर में कमी का सिलसिला जारी है. इससे लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन रुक-रुक कर हो रही बारिश से अब भी लोगों में भय है. बाढ़ग्रस्त गांवों में हजारों कच्चे मकान ध्वस्त हो गये हैं. जगह-जगह सड़कें टूट गयी हैं.