* बिहार जमाकर्ता के हित के संरक्षण अधिनियम, 2002 में होगा संशोधन
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अनधिकृत नॉन बैंकिंग कंपनियों पर कठोर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने वित्त विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिलों में सक्रिय वैसी नॉन कंपनियां, जो अधिक सूद का प्रलोभन देकर आम लोगों से पैसे ले रही हैं और सेबी या आरबीआइ से अधिकृत भी नहीं हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई तेज की जाये.
मुख्यमंत्री ने वर्तमान कानूनी प्रावधानों को और प्रभावी बनाने के लिए बिहार जमाकर्ता के हित के संरक्षण अधिनियम, 2002 को भी तुरंत संशोधित करने को कहा. वह शनिवार को नॉन बैंकिंग कंपनियों पर नियंत्रण के लिए अब तक गयी कार्रवाई की समीक्षा कर रहे थे.
* बनेगा मॉनीटरिंग सेल : बैठक के बाद विभाग के प्रधान सचिव रामेश्वर सिंह ने बताया कि बिहार जमाकर्ता के हित संरक्षण अधिनियम, 2002 में संशोधन का प्रस्ताव लाने के लिए एक सप्ताह में आवश्यक कार्य पूरा कर लिया जायेगा और आगामी विधानमंडल के सत्र में इसे पेश किये जाने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी के लिए भेज दिया जायेगा. इसमें संशोधन के बाद राज्य सरकार को अनधिकृत नॉन बैंकिंग कंपनियों के कार्यालय को सर्च करने, आवश्यक कागजात जब्त करने, उनके कार्यो का निरीक्षण करने का अधिकार होगा. नॉन बैंकिंग कंपनियों की गतिविधियों की मॉनीटरिंग के लिए अलग सेल का भी गठन होगा.
बैठक में मौजूदा कानून के तहत नॉन बैंकिंग कंपनियों द्वारा की जा रही जालसाजी को रोकने को लेकर डीएम व पुलिस के स्तर पर हो रही परेशानियों पर विमर्श किया गया.
समीक्षा बैठक में विकास आयुक्त आलोक कुमार सिन्हा, प्रधान सचिव, वित्त रामेश्वर सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, डीजीपी अभयानंद, आर्थिक अपराध इकाई के आइजी प्रवीण वशिष्ठ, एडवोकेट जनरल व वित्त विभाग के वरीय अधिकारी मौजूद थे.
– संशोधन के बाद मिलेंगे अधिकार
1. जिला बैंकिंग उप समाहर्ता को मिलेगा जांच व कार्रवाई का अधिकार
2. नॉन बैंकिंग कंपनियों के क्रियाकलापों की हो सकेगी जांच
3. राज्य सरकार को देनी पड़ेगी संपूर्ण जानकारी
4. गड़बड़ी पर राज्य सरकार इन कंपनियों के कार्यालयों में प्रवेश, सामान, कागजात व कार्यालय परिसर को सील कर सकेगी
5. राज्य सरकार स्वतंत्र रूप से नॉन बैंकिंग कंपनियों का करा सकेगी ऑडिट
* विधानमंडल सत्र के अगले सत्र में लाया जायेगा संशोधन प्रस्ताव
* मुख्यमंत्री ने अनधिकृत कंपनियों पर कार्रवाई का दिया निर्देश
– सुझावों का अध्ययन
रिजर्व बैंक, सेबी, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज व सहकारिता विभाग के अधिकारियों से बिहार जमाकर्ता हित संरक्षण एक्ट, 2002 में संशोधन के लिए सुझाव मांगे गये थे. इन संस्थाओं ने राज्य सरकार को सुझाव दे दिये हैं. सांस्थिक वित्त विभाग उनका अध्ययन कर रहा है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली व महाराष्ट्र से भी कानून की प्रति मंगायी गयी है. उनका भी अध्ययन किया जा रहा है.
– अरबों वसूले, कार्रवाई धीमी
* अब तक सिर्फ 24 कंपनियों पर प्राथमिकी
* एक के भी खिलाफ जांच पूरी नहीं