सहरसा: बिहार के सहरसा जिले में एक 65 वर्षीय महिला के अपने पति की चिता पर कूदकर ‘सती’ होने का मामला प्रकाश में आया है. मामला जिले के काढा प्रखंड के परमिनिया गांव का है.
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पति की चिता में कूदकर सती हो गयी पत्नी
सहरसा: बिहार के सहरसा जिले में एक 65 वर्षीय महिला के अपने पति की चिता पर कूदकर ‘सती’ होने का मामला प्रकाश में आया है. मामला जिले के काढा प्रखंड के परमिनिया गांव का है. पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार सिन्हा ने बताया कि महिला का नाम दहवा देवी है और उसके पति चरित्र यादव (70) […]
पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार सिन्हा ने बताया कि महिला का नाम दहवा देवी है और उसके पति चरित्र यादव (70) की लंबे समय से कैंसर रोग से ग्रसित होने के कारण कल सुबह मृत्यु हो गयी थी. उन्होंने बताया कि चरित्र यादव के मौत के बाद उनके रिश्तेदारों के पहुंचने पर उनके परिजन गांव के एक मंदिर के समीप उनका अंतिम संस्कार करने ले गए.
पंकज ने बताया कि शाम तक अंतिम संस्कार का कार्य पूरा हो जाने पर लोग लौटकर परमिनिया गांव स्थित एक नलकूप पर स्नान करने लगे. उन्होंने बताया कि दहवा देवी और उनकी बहू परंपानुसार घर पर थीं. इसी बीच चरित्र यादव के पुत्र रमेश मंडल पे अपनी मां को स्नान के लिए तलाशा लेकिन वह घर पर नहीं थी.
पंकज ने बताया कि कुछ लोगों के यह बताये जाने पर कि उन लोगों ने दहवा देवी को चरित्र यादव के दाह संस्कार स्थल की ओर जाते देखा है, मंडल और उसके परिवार के अन्य सदस्य दाह संस्कार स्थल की ओर दौडे. तब तक दहवा देवी अपने पति की चिता में कूद चुकी थीं जिससे उनकी भी मृत्य हो गयी. परिजनों ने उनका भी उसी चिता में अंतिम संस्कार कर दिया.
घटना की सूचना मिलते ही मामले की छानबीन करने घटनास्थल पहुंचे पंकज ने बताया कि सहरसा इलाके में चिता का निर्माण परंपरा के अनुसार लकडी, चंदन की लकडी, गाय के गोबर से बने गोईठा और अन्य दहनशील सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है.
उन्होंने बताया कि बनायी गयी चिता औसतन करीब चार फुट उंची होती है और उसके जलने में काफी समय लगता है. दहवा देवी जिस समय चिता में कूदी उस समय उसमें बहुत आग थी.
सिन्हा ने बताया कि दहवा देवी के अपने पति की चिता में कूदने और उनकी मृत्यु होने की घटना यादव का अंतिम संस्कार के समाप्त होने और परिवार के सदस्यों के नहाने के लिए लौटने के 30 मिनट के भीतर हुआ.
उन्होंने बताया कि घटना की जांच की गयी और ग्रामीणों के बयान की वीडियो रिकार्डिंग करायी गयी है. ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि दहवा देवी अपने पति की मौत से दुखी थी लेकिन वह मानसिक तौर पर ठीक थीं. सिन्हा ने बताया कि पुलिस ने इसे आत्महत्या के तौर पर लेते हुए इस मामले में कोई मामला दर्ज नहीं किया है.
राजा राममोहन राय सहित अन्य समाज सुधारकों के विरोध के बाद देश में सती प्रथा पर रोक लगा दी गयी थी. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 के अप्रैल में बिहार के गया जिले के सिद्धपुर गांव में सीता देवी नामक एक महिला अपने पति सुग्रीव यादव की मौत के बाद उनकी चिता में कूदकर सती हो गयी थीं.
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