अपनी आनेवाली फिल्म पीके के प्रोमोशन के सिलसिले में अभिनेता आमिर खान शनिवार को पटना पहुंचे. इस दौरान उन्होंने एक दुकान पर रुक कर लिट्टी-चोखे का लुत्फ उठाया. गौरतलब है कि आमिर का लिट्टी-चोखा प्रेम बहुत पुराना है. पटना से आमिर का आरा जाने का भी कार्यक्रम था, लेकिन सुरक्षा कारणों से नहीं जा सके.
पटना: अपनी बेहतरीन फिल्मों के लिए और अलग तरह से फिल्म के प्रमोशन के लिए पहचाने जानेवाले एक्टर आमिर खान ने पटना से अपनी नयी फिल्म पीके का प्रोमोशन शुरू किया. पटना में यह प्रोमोशन सिनेपोलिस में किया गया. मौसम खराब होने के कारण आमिर खान को आने में थोड़ी देरी हुई, लेकिन जितनी देरी उन्हें हुई, लोग उतने ही उतावले नजर आये.
शनिवार को फिल्म के प्रमोशन के लिए सिनेपोलिस को शाम तक बंद रखा गया. सिनेपोलिस के बाहर हजारों की तादाद में उनके फैन बस एक झलक को तरस रहे थे. काफी देर बाद वे सिनेपोलिस में आये. दर्शकों ने उनकी हल्की-सी झलक पायी. उसके बाद सीधे वे सिनेपोलिस के ऑडी में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चले गये. यहीं उन्होंने अपनी फिल्म का प्रोमोशन किया.
फिल्म है फेंटास्टिक : आमिर अपने फिल्मी अंदाज में ही तेज कदमों के साथ ऑडी के अंदर आये. ऑडी के ठीक नीचे उनकी कुरसी लगी थी. कुरसी में बैठते ही उन्होंने कहा, नमस्कार आदाब, बहुत-बहुत शुक्रिया आप यहां आये. अकेले आया हूं. यहां से फिल्म का प्रमोशन शुरू कर रहा हूं. यहां से फिल्म के प्रमोशन शुरू करने का एक कारण है. फिल्म में पीके भोजपुरी बोलता नजर आयेगा. इस कारण से हमने पटना से ही पीके फिल्म का प्रोमोशन करना बेहतर समझा. इसी दौरान उन्होंने भोजपुरी स्टाइल में दर्शकों से आग्रह किया कि हमरी फिलम बहुत ही फंटास्टिक है. देखीयेगा जरूर.
कहानी सुन कर भावुक हो गया था : आमिर ने कहा, जब यह फिल्म मेरे पास आयी, तो मैंने कहानी को फुरसत में पढ़ा. पूरी कहानी पढ़ने के बाद मेरे पर गहरा असर पड़ा. इस फिल्म का किरदार अनोखा है, भोला है. अलग-अलग रूप में दिख रहे पोस्टर्स में एक ही किरदार है, जो आपको फिल्म में दिख जायेगा.
मार्केटिंग फंडा नहीं : पीके का पहला पोस्टर सबने देखा होगा. उस पोस्टर के ऊपर काफी कॉन्ट्रावर्सी भी हुई. इस बारे में आमिर खान ने कहा कि हमारी यह कोशिश नहीं थी कि किसी को बुरा लगे. कोई मार्केटिंग फंडा भी नहीं था. बस वह फिल्म का एक सीन था, जिसे हमने पोस्टर का रूप दे दिया. वह फिल्म का काफी महत्वपूर्ण सीन है. मेरी हर फिल्म की तरह इस फिल्म में भी एक बेहतर मैसेज है.
किरदार का नाम है पीके : यह फिल्म काफी दमदार है. आज तक हिंदुस्तानी परदे पर ऐसी फिल्म नहीं आयी होगी. शुक्रवार को ही हमारी टीम ने इस फिल्म को पूरा देखा है.डायरेक्टर इस फिल्म में जो भी दिखाना चाहते थे, वह सब कुछ इस फिल्म में पूरी तरह से है.
अब तक का सबसे चैलेंजिंग रोल
पीके फिल्म के किरदार को निभाने के लिए आमिर कान को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी है. इस बारे में वे कहते हैं, मेरे 25 सालों के कैरियर में यह रोल प्ले करना सबसे चैलेंजिंग लगा है. एक तराजू में मेरी सारी फिल्मों में किये हुए काम को एक तरफ और दूसरी तरफ पीके को रख दिया जाये, तो भी पीके का पलड़ा भारी रहेगा. फिल्म में जब मैं नॉर्मल अभिनय कर रहा था, तो डायरेक्टर ने कहा कि इसे बिना पलकें झपकाये कर के देखो. सबको काफी अच्छा लगा. किरदार के लिए उसी तरह रहना फिक्स किया गया. उसके बाद पूरी फिल्म में पीके कभी पलक नहीं झपकाता है. उसके अलावा, सैंकड़ों पान खाना, हाथ उठा कर दौड़ लगाना वगैरह-वगैरह. ये सारी दिक्कतों के साथ फिल्म की शूटिंग हुई है. सबसे बड़ी परेशानी भोजपुरी बोलने की थी. यहीं के शांति भूषण जी ने डायलॉग्स को भोजपुरी में कनवर्ट करके हमें सिखाया. उसके बाद मैंने अंगरेजी के फोनेटिक्स में उसे लिख कर डायलॉग बोलने लगा, जैसे कनफ्यूज बन गया कनफूज. उम्मीद है कि बिहार के लोगों को मेरा यह नया किरदार पसंद आयेगा.
आनेवाले साल में नहीं बनायेंगे कोई फिल्म
उन्होंने कहा कि आनेवाले इस साल में मेरी कोई फिल्म आपको नहीं दिखेगी. मैंने फिलहाल कोई भी फिल्म साइन नहीं किया है. अभी सत्यमेव जयते की शूट पूरी की है. इस शूट के बाद थोड़ा ब्र्रेक लूंगा. यह फिल्म पारिवारिक है. इस फिल्म में मेरी फैमिली भी है.
मोदी जी को भी कहूंगा कि यह फिल्म देखें
यह फिल्म काफी बेहतर है. अन्य फिल्मों से अलग है इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से आग्रह करूंगा कि यह फिल्म देखें. अगर काम में मशरूफ रहे, तो फिर कुछ नहीं कह सकता.