पटना: मैट्रिक और इंटर के टॉपर्स का सम्मान बिहार विद्यालय परीक्षा समिति बुधवार को करेगी. डॉ राजेंद्र प्रसाद स्मृति व्याख्यान एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन हर साल 3 दिसंबर को किया जाता है. पुरस्कार वितरण समारोह की मुख्य अतिथि बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग की उपाध्यक्ष पद्मश्री सुधा वर्गिज होंगी. विशिष्ट अतिथि शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन और सम्मानित अतिथि माध्यमिक शिक्षा के निदेशक राम बुझावन चौधरी होंगे.
कार्यक्रम का उद्घाटन शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल करेंगे. अध्यक्षता बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह करेंगे. कार्यक्रम के एक दिन पहले तमाम टॉपर को समिति परिसर में बुलाया गया. इसके बाद टॉपर और उनके अभिभावक को पटना म्यूजियम, गोलघर व गुरुद्वारा समेत कई जगहों पर ले जाया गया. समिति के सचिव श्रीनिवास चंद्र तिवारी ने बताया कि टॉपर्स के आने,रहने और खाने की व्यवस्था बोर्ड की ओर से की गयी है. पुरस्कार के रूप में एक लैपटॉप, 15 हजार और 10 हजार रुपये की राशि टॉपर्स को दी जायेगी. समिति 34 टॉपर को सम्मानित करेगा.
अंगरेजी हो अनिवार्य : मैट्रिक में इंगलिश को कंपलसरी किया जाये. मैट्रिक के बाद इंटर की पढ़ाई इंगलिश में होने से छात्रों को काफी परेशानी होती है. टॉपर लिस्ट में तीसरा स्थान प्राप्त निलेश कुमार ने बताया कि इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी के लिए हमें इंगलिश पर निर्भर होना पड़ता है. ऐसे में इंटर में हमें इंगलिश पर अधिक समय देना पड़ता है. वहीं टॉपर लिस्ट में 5वें स्थान पर प्राप्त जयशंकर कुमार ने बताया कि इंगलिश कमजोर होने के कारण हम पिछड़ जाते हैं. समिति को मैट्रिक स्तर पर इंगलिश कंपल्सरी करना चाहिए.
सही जांच होती, तो चेंज नहीं करनी पड़ती टॉपर लिस्ट
अगर छात्रों ने स्क्रूटनी के लिए आवेदन नहीं दिया होता,तो आज उन्हें अधूरी सफलता ही हाथ लगती. आर्ट्स की वर्तमान थर्ड टॉपर सानिया राज ने बताया कि मुङो प्रैक्टिकल में अंक नहीं दिया गया. इस कारण उसे मात्र 376 अंक ही मिले. बाद में जब आवेदन दिया, तो 29 अंक दुबारा मिले. इसके बाद 405 अंक के साथ मैं सेकेंड टॉपर बन गयी. कुछ ऐसा ही हाल इंटर साइंस टॉपर अभिनव सुमन के साथ हुआ. अभिनव सुमन के फिजिक्स में काफी कम अंक थे. स्क्रूटनी के बाद उसके अंक बढ़ गये और वह साइंस का फस्र्ट टॉपर बन गया. अभिनव सुमन ने बताया कि जब बिहार बोर्ड में सीबीएसइ पैटर्न पर परीक्षा ली जाती है, तो उत्तर पुस्तिका की भी जांच सीबीएसइ पैटर्न पर हो. मार्किग स्कीम सही से लागू हो. जो छात्र लिखे उसे पूरे अंक दिये जायें.