पटना. सूबे की कई लड़कियों ने बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठायी है. पढ़ाई कर आगे बढ़ रही हैं. इसकी वजह से वे लड़कियां अब पढ़ाई कर गांव की बेटियों के लिए प्रेरणा स्नेत बन चुकी हैं. कुछ इसी तरह की कहानी बेटियों ने होटल रिपब्लिक में भूमिका विहार की ओर से ‘बोलो और पहल करो’ कार्यक्रम में सुनायी.
इसमें विभिन्न जिलों से आयी लड़कियों ने जीवन में आये बदलाव को बताया.श्रम संसाधन मंत्री दुलार चंद गोस्वामी ने बेटियों के बदलाव की कहानी सुन उन्हें प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि पहले भी बेटियों को बाल-विवाह का शिकार होना पड़ा है और अब भी वे शिकार हो रही हैं. लेकिन, यह देख कर काफी अच्छा लग रहा है कि इसके खिलाफ अब बेटियां आवाज उठाने रही हैं. ये बच्चियां समाज में प्रेरणा स्नेत हैं.
ऐसे में बाल-विवाह का विरोध करनेवाली बेटियों को स्कॉलरशिप प्रदान किया जायेगा, ताकि उन्हें आगे की पढ़ाई करने में दिक्कत नहीं हो. उन्होंने कहा कि बेटियों के प्रति गंदा सोच प्राकृतिक आपदा के दुष्परिणाम से भी खराब है, जिसे मजबूती से समाप्त करने की जरूरत है. उन्होंने बेटियों को गांव व पंचायत स्तर पर कौशल विकास के क्षेत्र में प्रशिक्षण देने की भी बात कही. नालंदा विवि के कुलपति रासबिहारी सिंह ने बेटियों को सशक्त व बेटों को संवेदनशील बनाने के बारे में कहा, तो साहित्यकार शिवनारायण ने समस्याओं के निदान के लिए आवाज उठाने के संबंध में जानकारी दी. भूमिका विहार की निदेशक शिल्पी सिंह ने बताया कि वर्ष 2009-10 में बिहार के 19 जिलों में कराये गये सर्वे के अनुसार 683 मामले ट्रैफिकिंग के रहे. इनमें 585 महिलाएं व लड़कियां रही. वहीं 265 बच्चे ऐसे रहे, जिन्हें माता-पिता का संरक्षण नहीं मिल सका है. मौके पर सेव द चिल्ड्रेन के रॉफी व यूनिसेफ की सीमा सिंह समेत अन्य उपस्थित रहे.