पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान और उन्हें पार्टी नेतृत्व द्वारा दी गयी चेतावनी के बाद उनके समर्थन व विरोध में नेताओं के पक्ष सामने आ रहे हैं. शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल के बाद लघु संसाधन मंत्री मनोज कुशवाहा और विधायक अरुण मांझी मुख्यमंत्री के समर्थन में आये हैं. वहीं, मुख्यमंत्री के दलितों के प्रति ज्यादा रुझान पर परिवहन मंत्री रमई राम और विधान पार्षद बिनोद सिंह ने जात व धर्म के नाम पर वोट बैंक मजबूत नहीं करने की नसीहत भी दी है.
उधर, बिहार राज्य नागरिक परिषद् के वरीय उपाध्यक्ष भोला प्रसाद सिंह ने त्यागी द्वारा मुख्यमंत्री को दी गयी चेतावनी को हास्यास्पद बताया है. जाति, धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगना चाहिए. काम के आधार पर जनता से वोट मांगना चाहिए. शुरू से काम के आधार पर वोट लेते हैं.
कास्ट कार्ड खेल कर कोई वोट नहीं ले सकता है. इसके लिए नीतीश कुमार से लोगों को सीख लेनी चाहिए. नीतीश कुमार को विकास के नाम पर वोट मिला था. सभी जातियों को साथ लेकर चलने का काम किया. वोट बैंक बढ़ाने के लिए समाज में न तो विद्वेष फैलाया, न ही जातिवादी कार्ड खेला.
बिनोद सिंह, जदयू विधान पार्षद
राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी द्वारा मुख्यमंत्री को चेतावनी देना हास्यास्पद है. केसी त्यागी को जीतन राम मांझी सुहा नहीं रहे हैं, क्योंकि मांझी आम जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनकी आवाज हैं. उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष से मांग की है कि वे त्यागी को बिहार आने से रोकें.
भोला प्रसाद सिंह, बिहार राज्य नागरिक परिषद् के वरीय उपाध्यक्ष