पटना: भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि अब देश में मिली-जुली सरकार का दौर खत्म हो गया है. लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनायी.
राज्यों के चुनाव में भी यही हो रहा है. यह लोकतंत्र और देश की विकास के लिए अच्छा है. साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने नीतीश कुमार और उद्धव ठाकरे दोनों को एनडीए से अलग नहीं होने के लिए बहुत समझाया, पर वे नहीं माने.
वह शुक्रवार को होटल मोर्य में पत्रकारों से बात कर रहे थे. वह यहां बाल दिवस पर शोषित समाज केंद्र आवासीय स्कूल के आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने आये थे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुङो प्रधानमंत्री नहीं बनने का कोई मलाल नहीं है. संसद में सभी दलों से जो सम्मान मिला है, उससे मैं खुश हूं. एक-एक कर पुराने सहयोगी दलों के भाजपा का साथ छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा उन्हें छोड़ना नहीं चाहती थी.
मैंने खुद उद्धव से बात की थी, पर उनको मेरी बात रास नहीं आयी. वह नहीं माने. अलग होकर चुनाव लड़े. उन्हें उम्मीद थी कि अलग होकर चुनाव लड़ेंगे, तो लाभ मिलेगा,पर ऐसा हुआ नहीं. एनडीए से नीतीश कुमार के अलग होने के बारे में उन्होंेने कहा कि वह तो एनडीए के गठन के वक्त के सहयोगी थे. रेल मंत्री रहते वह रेलवे की प्रोजेक्ट को लेकर आयोजित कार्यक्रम में मुङो गुजरात आदि जगहों पर आमंत्रित करते रहते थे.मैं हमेशा जाया करता था. वाजपेयी की सरकार में भी उनके साथ कोई परेशानी नहीं हुई. नीतीश कुमार से मैंने कहा था कि आप एनडीए शुरू करनेवालों में से हैं, हटे नहीं. जॉर्ज फर्नाडीस के जसलोक अस्पताल में भरती होने के दौरान नीतीश कुमार से हुई बातचीत की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जसलोक अस्पताल के सामने पार्टी का अधिवेशन हो रहा है. जॉर्ज बीमार हैं, आप शामिल हों. लेकिन, वह नहीं माने और अलग हो गये. अलग होने के अपने-अपने कारण कहते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें लगा कि लाभ होगा.
नरेंद्र मोदी की सरकार के कामकाज संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार का अभी थोड़ा ही समय हुआ है. काम हो रहा है. अच्छी प्रगति हो रही है. कुछ समय के बाद ही मूल्यांकन होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने ही हमारे लिए अधिक काम कर दिया. कांग्रेस के कार्यकाल में बहुत घोटाला हुआ. इसका लाभ हमें मिला.
आडवाणी के अगवानी में नहीं पहुंचे प्रदेश भाजपा के बड़े नेता
पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के पटना आगमन को प्रदेश भाजपा नेताओं ने खास अहमियत नहीं दी. पटना एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए सिर्फ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय पहुंचे. उनके अलावा पूर्व मंत्री सत्यदेव नारायण आर्य, एमएलसी संजय मयूख व प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी ही मुख्य रूप से नजर आ रहे थे. प्रदेश भाजपा के बड़े नेताओं में सुशील कुमार मोदी, नंद किशोर यादव जैसे चेहरे नहीं दिखे. बताया गया कि मोदी बांका में दिग्विजय सिंह की जयंती में शामिल होने गये हैं और नंद किशोर यादव भी राजगीर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने गये हैं.
हालांकि, बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एयरपोर्ट पहुंच कर बैंड बाजे के साथ उनका स्वागत किया. हालांकि, होटल मोर्य में आडवाणी से मिलने पूर्व मंत्री सुखदा पांडेय भी पहुंचीं. होटल मोर्य में भी आडवाणी के साथ जेनरल एसके सिन्हा, मंगल पांडेय और सुखदा पांडेय ही दिखे.
राजनीति के बारे में मेरा अनुभव अच्छा नहीं
आडवाणी ने कहा, राजनीति के बारे में मैं कुछ नहीं बोलना चाहता हूं. मेरा अनुभव इसमें अच्छा नहीं रहा है. एक बार एक गंभीर कार्यक्रम के दौरान किसी ने उनसे दूसरे मुद्दे पर सवाल कर दिया. जब उस पर बयान दिया, उसे अलग तरीके से पेश किया गया. जो सही नहीं था.
इसलिए जो कार्यक्रम होता है, उस पर ही मैं कुछ बोलता हूं. बाल दिवस पर शोषित समाधान केंद्र द्वारा खगौल के शिवाला में आयोजित कार्यक्रम के बाद आडवाणी ने कहा कि आज के दिन मैं किसी पार्टी या व्यक्ति विशेष की आलोचना नहीं करना चाहता हूं. देश में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है. देश के विकास के लिए इससे सुविधा होगी. कितना विकास होगा, कितना विकास नहीं होगा, यह आगे पता चलेगा और देश की जनता इसे देखेगी. मैं आशावादी हूं.