पटना: ट्रेनों के परिचालन में कुप्रबंधन से नाराज गया लाइन के यात्राियों ने लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी जंकशन पर जम कर हंगामा किया. मीठापुर गुमटी के पास वे ट्रैक पर उतर गये और आगजनी की.
आधा घंटे तक पथराव भी किया. यात्राियों ने पटना-गया पैसेंजर के इंजन के नीचे टिन का चादर व लोहे को फंसा दिया था. इससे ट्रेन को आगे बढ़ाने में मुश्किल हो रही थी. तीन घंटे की मशक्कत के बाद ट्रेन को 9.30 बजे रवाना किया गया.
ट्रेन के पटना जंकशन से खुलने का निर्धारित समय शाम 6.30 बजे है. इधर, आगजनी की सूचना पर जक्कनपुर थाना व फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची. इस दौरान मंडल सुरक्षा आयुक्त के अलावा रेलवे की तरफ से कोई भी वरीय अधिकारी मौजूद नहीं था. यात्राी सुनील पांडेय व महेश कुमार ने कहा कि दिन भर काम करने के बाद लौटने पर समय पर घर लौटना होता है. गया पहुंच कर हमें आठ से 10 किमी दूर जाना होता है. इस दौरान रात में कुछ भी घटना घट सकती है. यात्राियों का कहना है कि सवारी गाड़ियों में यात्राी सुरक्षित महसूस नहीं करते. खासतौर पर रात में चलनेवाली गाड़ियों में.
ड्राइवर व गार्ड ट्रेन छोड़ भागे
यात्राियों का गुस्सा देख ट्रेन के ड्राइवर व गार्ड भाग गये. जब मामला शांत हुआ, तो वे फिर आये. लेकिन, जब ट्रेन को खोलने को कहा गया, तो असिस्टेंट ड्राइवर अपना झोला लाने चले गये. इसमें भी पांच से 10 मिनट लग गये. आगजनी की सूचना पर डीएम अभय कुमार सिंह, एसएसपी जितेंद्र राणा व रेल एसपी पीएन मिश्र मौके पर पहुंचे. इधर, रेल एसपी ने पूर्व मध्य रेल के जीएम और दानापुर के डीआरएम को पत्र लिख कर आगाह किया है कि समय रहते, ट्रेनों में परिचालन में सुधार नहीं किया गया, तो फिर फिर ऐसी घटना घट सकती है.
क्यों हो रहा हंगामा
पहले गया लाइन की ओर से आनेवाली ट्रेनें गया की ओर से लौट जाती थीं. ऐसे में ट्रेन आते ही यात्राी इस पर सवार हो जाते थे. इधर, कुछ दिनों से ऐसा नहीं हो रहा था. गया से आनेवाली ट्रेनें कभी झाझा, तो कभी बक्सर की ओर भेज दी जा रही थीं. गुरुवार को भी यही हुआ. सवारी ट्रेनों के विलंब परिचालन को लेकर बुधवार को भी गया व आरा लाइन के यात्री जंकशन पर हंगामा करने के साथ रेलवे ट्रैक पर उतर गये थे.