पटना: एसके मेमोरियल हॉल में शिक्षा दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मंगलवार को शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून को लागू करने में केंद्र सरकार न कोई मदद करती है और न ही कोई समुचित व्यवस्था करती है.
सब कुछ राज्य के भरोसे छोड़ देती है. उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सहयोग और ठोस पहल नहीं करेगा, तब तक यह सही तरीके से लागू नहीं हो पायेगा. सपने में ही खोकर रह जायेगा. बिहार के कई होनहार बच्चों की प्रतिभा अंधेरे में दम तोड़ देती है. इनके लिए ठोस पहल करने की आवश्यकता है.
शिक्षा ही एकमात्र साधन है, जिसके जरिये हम अपना मुकद्दर बदल सकते हैं. अच्छी शिक्षा से कुछ श्रेष्ठ करने की भावना पैदा होती है. मंत्री ने पुराने दिनों में शिक्षा की बदहाली का जिक्र करते हुए कहा कि हम बेहतरी की तरफ बढ़ रहे हैं. हालांकि अभी काफी बदलाव की जरूरत है. इसके लिए हौसला बनाये रखने की जरूरत है. हौसले की बदौलत तिनका चुन कर फिर से उजड़े आशियां को सजा सकते हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा दिवस मनाने की शुरुआत बिहार ने ही की थी. इसके बाद सारा देश इसे मनाने लगा. स्वागत भाषण प्रधान सचिव आरके महाजन और धन्यवाद ज्ञापन के सेंथिल कुमार ने किया.
शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए इन्हें मिला सम्मान
इस दौरान शिक्षा मंत्री ने तीन शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ योगदान के लिए मौलाना मजहरुल हक शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित किया. इसमें जन शिक्षा के सहायक निदेशक मो गालिब, सुपौल के सरायगढ़ मध्य विद्यालय की शिक्षिका बबीता
और सीतामढ़ी के परिहार के रिटायर शिक्षक दिनेश मेहता शामिल हैं. इसके अलावा विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा में राज्य का नाम रौशन करने वाले 11 छात्र-छात्रओं को बिहार गौरव अवार्ड से सम्मानित किया गया.
इनमें अंकित आनंद, प्रणय कृष्ण, राकेश रौशन, आरती कुमारी, कविता कुमारी, सगफ कौकव, नीतीश रंजन प्रकाश, दिप्ती शर्मा, नंदन कुमार कुशवाहा, विवेक कुमार और श्रेया कुमारी शामिल हैं.