पटना: पीएमसीएच में मरीजों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए इसे 3000 बेडों का बनाया जायेगा. पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए योजना बनायी है. इसके तहत पुराने भवन को तोड़ कर नये मल्टी स्टोरेज भवन का निर्माण होना है.
अस्पताल व कॉलेज को अलग करने की बात है. इसके अलावा चिकित्सकों के आवास व नर्सिग कॉलेज को अलग करना है. इसके लिए ग्लोबल टेंडर निकाला जायेगा. योजना पूरी होने के बाद अस्पताल को स्वायत्तशासी बना जायेगा. अस्पताल ऐसा बनेगा कि 50 साल बाद भी मरीजों को इलाज में परेशानी नहीं हो.
इन सुविधाओं से विद्यार्थियों को बहुत फायदा मिलेगा और एक ही छत के नीचे कई विभाग आराम से काम करेंगे. काम को तेजी से पूरा करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद पहल की है. इसके बाद दो बैठकें हुईं और अब काम तेजी से हो रहा है. जहां तक बेड बढ़ाने की बात है, इसको लेकर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन जो भी निर्णय होगा वह लोड को देखते हुए ही लिया जायेगा.
डॉ सुधांशु सिंह, अस्पताल उपाधीक्षक
ऐसा पटना मेडिकल कॉलेज
तीसरे फ्लोर पर परीक्षा भवन
चौथे फ्लोर पर ऑडियो- वीडियो सेमिनार हॉल
हाइटेक लाइब्रेरी, जिसे कई देश के मेडिकल कॉलेजों की लाइब्रेरी से जोड़ा जायेगा
प्राचार्य ऑफिस के बगल कॉमन रूम को तोड़ कर मल्टी स्टोरेज भवन
प्रशासनिक भवन में इंटरनेट और अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी.
कॉलेज के प्रशासनिक भवन को चार फ्लोर का बनाने की योजना
पहले फ्लोर पर गेस्ट हाउस
दूसरे फ्लोर पर लाइब्रेरी
छात्रों के लिए बढ़ेंगी सुविधाएं
हाइटेक लाइब्रेरी का इस्तेमाल कर सकेंगे
सेमिनार की गुणवत्ता अच्छी रहेगी
इंटरनेट व अन्य आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी
सिस्टम में चलेगा सब कुछ
शोध के लिए जगह का विस्तार होगा
क्या होगा नये अस्पताल में
200 से 250 बेडों की इमरजेंसी
90 बेडों का आइसीयू
300 बेडों का शिशु विभाग
लगभग 350 बेडों का स्त्री विभाग
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कंट्रोल रूम
मुख्य द्वार से घुसने के तुरंत बाद इमरजेंसी में जाने की व्यवस्था
अधीक्षक व उपाधीक्षक व चिकित्सकों के लिए सुविधाओं से लैस भवन
सीटी स्कैन, एमआरआइ , अल्ट्रासाउंड व एक्सरे सहित अन्य रेडियोलॉजी सुविधाएं
संपूर्ण पैथोलॉजी जांच की व्यवस्था, इमरजेंसी के साथ होगी