पटना. जदयू के चार बागी विधायकों की सदस्यता रद्द होने के बाद रिक्त सीटों पर उपचुनाव को लेकर सस्पेंस कायम है. स्पीकर के निर्णय के बाद विधानसभा की घोसी, महुआ, बाढ़ और छातापुर सीटें खाली हो गयी हैं.
चुनाव आयोग ने अब तक स्पष्ट नहीं किया है कि चारों विधायकों की सदस्यता समाप्त होने के बाद वहां उपचुनाव होगा या नहीं. विधानसभा सचिवालय ने चुनाव आयोग को अपने फैसले की प्रति उपलब्ध करा दी है. इधर,मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय वी नायक ने कहा कि विधानसभा सचिवालय से चार सीटों पर उपचुनाव कराने की मिली अनुशंसा मैं बुधवार को चुनाव आयोग भेज दूंगा.
चुनाव आयोग का जो भी निर्देश होगा, उसका पालन किया जायेगा. नियम के मुताबिक, किसी सीट पर उपचुनाव तभी होता है, जब आम चुनाव होने में एक साल से अधिक समय हो. बिहार विधानसभा चुनाव नवंबर, 2015 में होना है. ऐसी स्थिति में एक साल चुनाव के रह गये हैं. दूसरी ओर सदस्यता खत्म होने के बाद ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, नीरज कुमार सिंह, रवींद्र राय और राहुल कुमार ने पटना हाइकोर्ट याचिका दायर की है.
जानकारों का कहना है कि इस मामले में कोर्ट का निर्णय ही कोई रास्ता देगा. चुनाव आयोग विधानसभा की वैसी सीटों के लिए पुनर्मतदान कराने पर निर्णय कर सकता है, जिसकी अवधि सामान्य निर्वाचन से एक वर्ष से कम हो. चारों सदस्यों का निर्वाचन उस समय रद्द किया गया है, जब आम चुनाव में करीब एक वर्ष की अवधि शेष रह गयी है. हालांकि, पुनर्मतदान कराने और नहीं कराने के निर्णय को लेकर चुनाव आयोग कें द्रीय विधि मंत्रलय को इस मामले में सूचित करेगा. अगर एक साल के अंदर पुनर्मतदान नहीं कराना है,तो आयोग निर्णय के कारणों से विधि मंत्रलय को अवगत करायेगा. अब यह मामला पूरी तरह से कोर्ट के फैसला पर निर्भर करता है कि सदस्यता रद्द होनेवाले विधायकों को राहत मिलती है या नहीं.