पटना: कोलकाता के होटलों में कछुआ के मांस की डिमांड बढ़ गयी है. छोटे होटलों से लेकर फाइव स्टार तक इसके शौकीन हैं. डिमांड के चलते हावड़ा कछुआ तस्करी का हब बन गया है. यूपी-बिहार के जिलों से इसकी सप्लाइ ट्रेन से की जा रही है. खास बात यह है कि ट्रेन से उतरने के बाद जिंदा कछुआ मछली व्यवसायियों के अड्डे पर पहुंच रहा है. मछली व्यवसायी कछुओं को काट कर मांस की सप्लाइ होटलों में कर रहे हैं. मांस के अलावा कछुआ का ऊपरी सतह मेडिसिन की डिमांड को भी पूरी कर रहा है. हरिद्वार-हावड़ा ट्रेन में बाढ़ रेलवे स्टेशन पर कछुओं से भरा बैग बरामद होने के बाद इस बात का खुलासा हुआ है.
ट्रेनों का हो रहा इस्तेमाल
कछुओं के साथ पकड़े गये राजलाल ने बताया कि यूपी-बिहार में बड़े साइज का कछुआ पाये जाने से इसकी डिमांड हावड़ा में ज्यादा है. यूपी के अमेठी, इलाहाबाद, नैनीताल, काठगोदाम, रुद्रपुर आदि से कछुए की तस्करी की जा रही है. इन इलाकों से होकर बिहार व हावड़ा जानेवाली ट्रेनों का इस्तेमाल कछुआ तस्करी में हो रहा है. वहीं बिहार व झारखंड से भी तस्करी की बात सामने आयी है.
एसपी रेल प्रकाश नाथ मिश्र कछुआ तस्करी पर काबू के लिए हावड़ा जानेवाली ट्रेनों में तलाशी अभियान को तेज करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि अमेठी के रहनेवाले राजलाल से कुछ खास जानकारी मिली है, उस पर काम हो रहा है. उसके तीन साथी विशाल, मोती व अखिलेश की तलाश भी की जा रही है.
वन पदाधिकारी को सौंपे गये
कछुआ बरामदगी के मामले में बख्तियारपुर जीआरपी में चोरी, तस्करी, वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम एवं पशु क्रूरता अधिनियम के तहत अभियोजक पंजीकृत किया गया है. वहीं बरामद हुए 275 पीस जिंदा कछुओं को पटना जंकशन पर वन पदाधिकारी को सुपुर्द किया गया है.
तब एक हजार कछुए पकड़ाये थे
पिछले माह सात अक्तूबर को पटना जीआरपी ने दो महिलाओं को एक हजार कछुओं के साथ कुंभ एक्सप्रेस से गिरफ्तार किया था. सभी कछुए तीन बड़े बैग व दो झोले में रखे हुए थे. पकड़ी गयीं दोनों महिलाएं (निवासी सुलतानगंज) कछुओं को लेकर जसीडीह जा रही थी.