पटना: दीपावली की पूर्व संध्या पर राज्य सरकार ने तीन मेडिकल कॉलेजों का तोहफा दिया है. राज्य कैबिनेट ने बुधवार को सारण, समस्तीपुर और पूर्णिया में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए केंद्र के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर की अनुमति दे दी. तीनों मेडिकल कॉलेज अस्पताल अगले साल से काम करने लगेंगे.
कैबिनेट की बैठक के बाद कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्र ने बताया कि 12 वीं पंचवर्षीय योजना की अवधि (2012-17) में तीनों जिलों में नया मेडिकल कॉलेज खुलेगा. इन मेडिकल कॉलेजों के खोलने में 75 प्रतिशत राशि केंद्र और 25 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करेगी. तीनों मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद राज्य में एमबीबीएस की कम-से-कम 300 सीटें बढ़ जायेंगी. वर्तमान में राज्य के नौ मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 950 सीटें उपलब्ध हैं. तीनों जगहों पर मेडिकल कॉलेजों के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से राज्य सरकार अनुरोध करेगी. एमसीआइ की अनुमति के बाद मेडिकल कॉलेजों को हरी झंडी मिल जायेगी. स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक फिलहाल पूर्णिया में जिला अस्पताल परिसर को ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल के रूप में विकसित किया जायेगा. सारण और समस्तीपुर के लिए विभाग विकल्प तलाश रहा है.
कैबिनेट सचिव ने बताया कि राज्य सरकार ने पटना में ठोस कचरा प्रबंधन योजना को लागू करने की अपनी स्वीकृति दे दी है. कचरा से बिजली बनाने की योजना पर अमल होगा. पीपीपी मोड के तहत डिजाइन, निर्माण, वित्त संचालन और हस्तांतरण के आधार पर समेकित ठोस अपशिष्ट ऊर्जा प्रसंस्करण सुविधा और भूमि भराव के लिए प्लांट की स्थापना के लिए कंसेशन एग्रीमेंट और कार्य आवंटन की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है. उन्होंने बताया कि व्यावसायिक परियोजना के तहत पीपी मोड में कंकड़बाग के एल सेक्टर में अब 1.41 एकड़ के स्थान पर 1.70 एकड़ जमीन पर और हनुमान नगर में 0.5463 एकड़ में चुने गये डेवलपर को कार्य शुरू करने की अनुमति दी गयी है. उन्होंने बताया कि बिहार राज्य भूमि निराकरण अधिनियम 2009 के तहत राज्य के सभी 101 भूमि सुधार उप समाहर्ता के कार्यालय में एक -एक अमीन की नियुक्ति का निर्णय किया गया है.