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इ-शॉपिंग कंपनियां नहीं ले रहीं ऑर्डर

पटना: इस बार दीवाली में ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों की बंपर सेल की धूम बिहार में नहीं मच पायी है. राज्य के वाणिज्यकर विभाग की जबरदस्त धमक के कारण इन कंपनियों का धंधा ठंडा पड़ गया है. ऑनलाइन कंपनी फ्लिपकार्ट समेत कुछ अन्य ने तो बिहार के ग्राहकों से ऑर्डर लेना भी बंद कर दिया है. […]

पटना: इस बार दीवाली में ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों की बंपर सेल की धूम बिहार में नहीं मच पायी है. राज्य के वाणिज्यकर विभाग की जबरदस्त धमक के कारण इन कंपनियों का धंधा ठंडा पड़ गया है. ऑनलाइन कंपनी फ्लिपकार्ट समेत कुछ अन्य ने तो बिहार के ग्राहकों से ऑर्डर लेना भी बंद कर दिया है. इनकी साइटों पर किसी तरह का ऑर्डर करने पर कंपनी मैसेज देती है कि फिलहाल डिलिवरी संभव नहीं है. इसके अलावा जबोंग, माइंत्र, स्नैपडील, अमेजन समेत कई कंपनियां ऑर्डर तो ले रही हैं, लेकिन डिलिवरी का समय अधिकतम 25 दिनों तक का दे रही हैं. इधर, वाणिज्य कर विभाग ऑनलाइन कारोबार करनेवाली कंपनियों पर एक नया इंट्री टैक्स लगाने का प्रावधान लाने पर विचार कर रही हैं.

हालांकि, इससे जुड़े कई पहलुओं पर गहन विचार करने के बाद विभाग को इस नये प्रावधान को विधानमंडल से पारित कराना होगा, तभी यह लागू हो पायेगा. विभाग इसे लागू करने से पहले तमाम महत्वपूर्ण बातों और नियमों पर विचार करने की तैयारी में है.

मेंटेन करना होगा रजिस्टर : वाणिज्यकर विभाग ने इ-शॉपिंग का सामान पहुंचानेवाली तमाम कूरियर कंपनियों को एक रजिस्टर मेनटेन करने को कहा है. इसमें सामान मंगवानेवाले हर व्यक्ति का पूरा विवरण दर्ज होगा. किस व्यक्ति ने कितनी बार कौन-कौन-सा सामान मंगवाया है.

विभाग को कुछ मामले भी मिले हैं, जिसमें कोई छोटे व्यापारी या विक्रेता ऑनलाइन कंपनियों से मोटे डिस्काउंट पर सामान को मंगवाकर इसे सामान्य दाम पर बेचते हैं. व्यक्तिगत शॉपिंग की आड़ में व्यवसाय करनेवालों पर नकेल कसने की तैयारी के मद्देनजर यह व्यवस्था की जा रही है. सभी कूरियर कंपनियों को इसे तुरंत लागू करने को कहा गया है.

नहीं पहुंच रहा लोगों तक सामान
वाणिज्यकर विभाग ने विभिन्न ऑनलाइन कंपनियों के लिए माल पहुंचानेवाली तीन कूरियर कंपनियों फेड-एक्स, डब्ल्यूएस रिटेल और डिलिवरी डॉट कॉम के तमाम गोदामों को सील कर दिया है. इनके माल की जांच चल रही है. व्यक्तिगत शॉपिंग के नाम पर व्यवसाय करनेवालों की खोजबीन पार्सल की जांच कर चल रही है. लेकिन, इससे ऑनलाइन सामान मंगवानेवाले लोगों की काफी फजीहत हो रही है. कुछ के सामान लौट गये हैं, तो कुछ के गोदाम में पड़े हुए हैं. जिन ग्राहकों ने एडवांस में पैसे दे दिये हैं, उनका पैसा भी फंस गया है. राज्य में ऑनलाइन शॉपिंग से करीब 20-25 लाख ग्राहक जुड़े हुए हैं.

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