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महंगा पड़ रहा है स्वतंत्रता सेनानियों की सच्चई को सामने लाना, मिल रही जान मारने की धमकी

पटना: आरटीआइ कार्यकर्ता मनोहर मिश्र को बिहार के पांच हजार स्वतंत्रता सेनानियों की सच्चई को सामने लाना अब महंगा पड़ रहा है. उन्हें टेलीफोन से समय-समय पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है. इस वजह से उन्हें गांव-घर ही नहीं, बल्कि राज्य से पलायन करना पड़ा है. मनोहर मिश्र ने केंद्रीय गृह […]

पटना: आरटीआइ कार्यकर्ता मनोहर मिश्र को बिहार के पांच हजार स्वतंत्रता सेनानियों की सच्चई को सामने लाना अब महंगा पड़ रहा है. उन्हें टेलीफोन से समय-समय पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है. इस वजह से उन्हें गांव-घर ही नहीं, बल्कि राज्य से पलायन करना पड़ा है. मनोहर मिश्र ने केंद्रीय गृह मंत्रलय व बिहार सरकार के गृह विभाग से सूचना के अधिकार के तहत यह खुलासा किया था कि देश के सर्वाधिक 23 हजार स्वतंत्रता सेनानी बिहार में रहते हैं और पिछले पांच वर्षो से बिहार से स्वतंत्रता सेनानियों की संख्या में कोई कमी नहीं आयी है.

इस खबर के प्रकाशन के बाद से मनोहर मिश्र को अज्ञात टेलीफोन नंबरों से कई कॉल आये. हर कॉल में उन्हें जान से मारने की धमकी दी गयी. मनोहर मिश्र कहते हैं कि जब से मैंने बिहार के स्वतंत्रता सेनानियों के संबंध में कुछ रोचक जानकारियों का खुलासा किया है, तब से मुङो अज्ञात टेलीफोन नंबरों से धमकी भरे कॉल आ रहे हैं. इस संबंध में मैंने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख कर अपनी जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगायी है.

गृह विभाग से मांगी थी जानकारी

मनोहर मिश्र ने सूचना के अधिकार तहत जब बिहार के गृह विभाग से यह जानकारी मांगी थी कि बिहार से 23 हजार स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किस तरह की भूमिका निभायी थी, तब गृह विभाग ने उन्हें बताया था कि इस संबंध में उसके पास किसी तरह के दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं. उन्होंने बताया कि इस खुलासे से राज्य में उनलोगों को बड़ी परेशानी सामने आने की आशंका होने लगी है, जिससे उनके स्वतंत्रता सेनानी की पेंशन और अन्य सुविधाएं छीनने का भय सताने लगा है. उन्होंने दावे से कहा कि बिहार के 90 प्रतिशत स्वतंत्रता सेनानियों को केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा दी जा रही पेंशन व अन्य सुविधाओं के खत्म होने का डर समा गया है.

परिजन भी हैं खौफ में

मनोहर मिश्र ने टेलीफोन पर बताया कि मैं फिलहाल माता-पिता के साथ पिछले दो सप्ताह से कोलकाता में रह रहा हूं. मैंने गृह विभाग से बिहार के उन स्वतंत्रता सेनानियों की पूरी सूची उपलब्ध कराने का आग्रह किया था, लेकिन विभाग के पास इस संबंध में कोई रेकॉर्ड उपलब्ध नहीं होने की जानकारी दी गयी थी. उन्होंने यह भी बताया कि मुङो टेलीफोन से धमकी देनेवाले वही लोग हैं, जो फर्जी दस्तावेज के सहारे स्वतंत्रता सेनानी की पेंशन व सुविधाओं का उपभोग कर रहे हैं. धमकी देनेवालों ने मुझसे कहा है कि अगर वह बिहार के स्वतंत्रता सेनानियों को अपमानित करनेवाली सूचनाएं मीडिया को जारी करेंगे, तो बिहार में उन्हें अपने घर-बार के साथ परिजनों से भी हाथ धोना पड़ेगा. मिश्र बताते हैं कि इन धमकियों के बाद मेरे परिजनों में भी खौफ का माहौल बन गया है.

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