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पीओ परीक्षा में जालसाजी, दूसरे से दिलवायी थी परीक्षा खुद देने आये इंटरव्यू, धराये

पटना: भारतीय स्टेट बैंक में पीओ के पद पर नियुक्ति के लिए आयोजित लिखित परीक्षा दी ही नहीं और सीधे साक्षात्कार देने पहुंच गये. ऐसे चार परीक्षार्थी साक्षात्कार टीम की नजरों से नहीं बच पाये और पकड़ लिये गये. पकड़े गये परीक्षार्थियों में राकेश कुमार (नवादा), चंदन कुमार गौतम (फुलवारीशरीफ), मृत्युंजय कुमार (रोहतास) व कमलेश […]

पटना: भारतीय स्टेट बैंक में पीओ के पद पर नियुक्ति के लिए आयोजित लिखित परीक्षा दी ही नहीं और सीधे साक्षात्कार देने पहुंच गये. ऐसे चार परीक्षार्थी साक्षात्कार टीम की नजरों से नहीं बच पाये और पकड़ लिये गये.

पकड़े गये परीक्षार्थियों में राकेश कुमार (नवादा), चंदन कुमार गौतम (फुलवारीशरीफ), मृत्युंजय कुमार (रोहतास) व कमलेश कुमार (पश्चिमी चंपारण) शामिल हैं. कमलेश कुमार को गुरुवार को पकड़ा गया, जबकि बाकी तीनों को बुधवार को पकड़ा गया. बैंक अधिकारियों की लिखित शिकायत पर इनके खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज किया गया है. भारतीय स्टेट बैंक के जनसंपर्क एवं सामाजिक सेवा बैंकिंग विभाग के सहायक महाप्रबंधक गिरिजा शंकर ने बताया कि सभी छात्रों को पुलिस के हवाले कर दिया गया है.

साक्षात्कार में क्या-क्या जांच
बैंक अधिकारी के अनुसार साक्षात्कार के दौरान फोटो, हस्ताक्षर, थंब इप्रेशन की जांच की जाती है. ये सारी चीजें दो-तीन प्रक्रिया में की जाती है. इसके बाद जिन लोगों पर शक होता है, उनसे प्रश्न पूछे जाते हैं. इसके बाद वे आसानी से पकड़ में आ जाते हैं.

सवालों से टूट गये परीक्षार्थी
भारतीय स्टेट बैंक में पीओ के पद पर नियुक्ति के लिए केंद्रीय भरती व पदोन्नति विभाग मुंबई द्वारा भारतीय स्टेट बैंक के पटना स्थित स्थानीय कार्यालय गांधी मैदान में सामूहिक परिचर्चा व साक्षात्कार का आयोजन किया गया था. साक्षात्कार को लेने के लिए बैंक के पांच अधिकारियों की टीम थी. इस दौरान चार परीक्षार्थियों के दस्तावेज के मिलान के बाद टीम को शक हुआ और उसके बाद उससे यह पूछा गया कि उनका सेंटर कहां था, परीक्षा में क्या प्रश्न पूछे गये थे, रिजनिंग में क्या आया था, उनके बगल में परीक्षा देने वाले छात्र थे या छात्र थी. अचानक इन प्रश्नों के बौछार के बाद सभी परीक्षार्थी टूट गये और गलती स्वीकार कर माफी मांगने लगे.

पंद्रह लाख तक किये थे खर्च
इन सभी के फोटोग्राफ व थंब इंप्रेशन में गड़बड़ी होने पर शक हुआ था. इन्होंने स्कॉलर के माध्यम से लिखित परीक्षा पास की थी. इनके बदले फोटोग्राफ की मॉरफिंग कर स्कॉलर परीक्षा में बैठे और परीक्षा केंद्र पर वीक्षक की आंखों में धूल झोंक कर लिखित परीक्षा देने में सफल हो गये थे. गांधी मैदान पुलिस अब उस गिरोह की तलाश कर रही है, जिसके माध्यम से ये लोग परीक्षा पास कर साक्षात्कार देने के लिए पहुंचे थे. पुलिस को आशा है कि बड़े गिरोह का खुलासा किया जा सकता है. उन सभी की निशानदेही के आधार पर पुलिस गुरुवार की देर रात तक छापेमारी कर रही थी. इन लोगों ने पीओ की परीक्षा पास करने के लिए दस से पंद्रह लाख खर्च किये थे और उनके शैक्षणिक दस्तावेज भी नौकरी लगाने वाले गिरोह के पास ही है.

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