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जनजाति महिलाओं की सुरक्षा पर सरकार गंभीर, बनेगा स्वाभिमान बटालियन

पटना: देश भर में बिहार एक बार फिर उदाहरण पेश करने जा रहा है. यह पहला मौका होगा, जब देश के किसी राज्य में जनजाति महिलाओं के लिए बिहार स्वाभिमान पुलिस बटालियन के गठन की कार्यवाही शुरू कर कर दी गयी है. इसके गठन की स्वीकृति राज्य मंत्रिमंडल ने पहले ही प्रदान कर दी थी. […]

पटना: देश भर में बिहार एक बार फिर उदाहरण पेश करने जा रहा है. यह पहला मौका होगा, जब देश के किसी राज्य में जनजाति महिलाओं के लिए बिहार स्वाभिमान पुलिस बटालियन के गठन की कार्यवाही शुरू कर कर दी गयी है.

इसके गठन की स्वीकृति राज्य मंत्रिमंडल ने पहले ही प्रदान कर दी थी. अब इसके लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इस संबंध में डीजीपी पीके ठाकुर ने आदेश निर्गत कर दिया है.

इस बटालियन का मुख्यालय पश्चिम चंपारण होगा. राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि यह देश का पहला महिला बटालियन होगा, जिसमें केवल जनजाति महिलाओं को शामिल किया जायेगा. झारखंड बनने के बाद राज्य में दो प्रतिशत आबादी जनजातीय समुदाय की है, जो उत्तर बिहार के कई जिलों में फैली है. इसमें भी अधिकतर आबादी थारू जनजाति की ही है.

स्वाभाविक है कि इस बटालियन में अधिकतर थारू जनजाति की महिलाओं को ही मौका मिलेगा. उन्होंने बताया कि राज्य में अधिसूचित सभी जनजातियों की महिलाओं को इसमें शामिल किये जाने का प्रावधान किया गया है. इस बटालियन में कुल 992 पद होंगे स्थायी होंगे, जबकि निचले स्तर के कुछ पदों पर संविदा के आधार पर नियुक्ति की जायेगी. इसके अतिरिक्त बटालियन के लिए डॉक्टर, क्लर्क, स्टेनो, वायलेस ऑपरेटर का अलग सेक्शन होगा. संविदा के आधार पर नियुक्तिवाले पद धोबी, नाई, रसोइये, बढ़ई आदि के होंगे. इस बटालियन पर हर साल सरकार को 36.36 करोड़ रुपये का खर्च का वहन करना होगा. जल्द ही नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया जायेगा.

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