पटना: शहरी क्षेत्र के स्लम में रहनेवाले गरीबों को पक्का आवास मुहैया कराने की योजना बिहार में विफल साबित हुई है. केंद्र सरकार द्वारा राशि उपलब्ध कराये जाने के बावजूद यह स्कीम फिसड्डी साबित हुई है.
ये बातें भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील मोदी ने कहीं. उन्होंने कहा कि गंठबंधन टूटने के बाद नगर विकास विभाग का जिम्मा संभालनेवाले पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि यह योजना क्यों फिसड्डी साबित हुई? जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन के तहत 28 शहरों के स्लम में रहनेवाले गरीबों के लिए 31,951 बनाये जाने हैं.
सितंबर, 2014 तक मात्र 3,399 आवासों का ही निर्माण हुआ है. यही नहीं, निर्मित आवासों में मात्र 432 का ही अब तक आवंटन हुआ है. 16,894 आवासों का तो अब तक निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हुआ है. केंद्र इसके लिए 311. 70 करोड़ की राशि मुहैया करा चुका है. राजीव आवास योजना के तहत पांच शहरों के स्लमवासियों के लिए 11,276 पक्के आवास बनाने के मद में केंद्र ने बिहार को 114 करोड़ रुपये दिये हैं, पर अब तक मकान निर्माण शुरू नहीं हुआ है.
छह माह में अगर दोनों योजनाओं का काम पूरा नहीं हुआ, तो 31 मार्च, 2015 के बाद योजना बंद हो जायेगी. बिहार अरबों रुपये से वंचित हो जायेगा.