दवा घोटाले पर उठे विवाद के बीच जदयू नेताओं ने भाजपा नेता सुशील मोदी पर हमला तेज कर दिया है. जदयू नेताओ के अनुसार वे घोटाले में नीतीश कुमार के शामिल होने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि घोटाला भाजपा मंत्रियों के समय ही हुआ.
मोदी की हकीकत उनके दल के लोग ही ला रहे
पार्टी प्रवक्ता सह विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री चंद्रमोहन राय ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि मोदी ने आइएएस अधिकारी केके पाठक को इस वजह से हटवा दिया, क्योंकि वे उनकी तसवीर विज्ञापनों में डालने को तैयार नहीं थे. मोदी छपास के रोगी हैं.
जवाब दें मोदी : राजद
राजद के प्रदेश महासचिव शक्ति सिंह यादव ने भाजपा नेता सुशील मोदी को नसीहत दी है किवे मीडिया में बने रहने के लिए अनर्गल बयान नहीं दें. अगर उनके पास पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सवालों का ठोस जवाब है, तो उसे सामने रखें.
नीतीश पर लगे आरोप निराधार
जदयू के विधान पार्षद राजकिशोर सिंह कुशवाहा ने कहा कि मोदी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगाये आरोप निराधार हैं. नीतीश कुमार की ईमानदारी का डंका पूरे देश में बजा. सुशील मोदी उन्हें अपमानित कर रहे हैं. मोदी पर आज उनके दल के ही लोग आरोप लगा रहे हैं. सच तो यह है कि दवा घोटाला उनके मंत्री के समय ही हुआ. भाजपा के ही तीन नेता स्वास्थ्य मंत्री हुए हैं. वे नीतीश कुमार पर आरोप लगा कर बिहार की जनता को अपमान कर रहे हैं.
विफलता छुपाने के लिए लगा रहे आरोप
जदयू के प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि सुशील मोदी विधानसभा उपचुनाव की विफलता को ढकने के लिए व्यक्तिगत ईष्या व द्वेष की बुनियाद पर अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं. जिस व्यक्ति के बारे में विधानमंडल व देश के बाहर (लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमी) प्रशंसा करते नहीं थकते थे, आज उस पर आरोप लगा रहे हैं.
मोदी का आरोप गलत
बिहार राज्य नागरिक परिषद के अध्यक्ष भोला प्रसाद सिंह ने भाजपा के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर जम कर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का नाम दवा घोटाला में घसीटना क्षुद्रता की पराकाष्ठा है. बीएमएसआइसीएल का गठन मोदी के उपमुख्यमंत्री कार्यकाल में ही हुआ था.
बिहार को बदनाम कर रही भाजपा : विजय चौधरी
पटना. जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भाजपा पर अंदरूनी राजनीति के लिए बिहार को बदनाम करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अपने हर दुख और आरोप में सुशील मोदी नीतीश कुमार की ओर इशारा कर देते हैं. मोदी ने अब नये मामले पर आरोप लगाया है. बीएमएसआइसीएल ने बिल्डिंग के निर्माण में बड़ा घोटाला किया है. यह मामला कॉर्पोरेशन के जिला परियोजना प्रबंध के कार्यालय सह आवास के निर्माण, पदाधिकारियों व नर्सो के आवास के निर्माण, ड्रग वेयर हाउस के निर्माण से जुड़े टेंडर प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है. वास्तव में जिला परियोजना प्रबंध के कार्यालय सह आवास के निर्माण की निविदा 12 सितंबर, 2012 की है. पदाधिकारियों व नर्सो के आवास के निर्माण की निविदा 29 नवंबर, 2012 और ड्रग वेयर हाउस के निर्माण की निविदा 11 सितंबर, 2012 को निकाली गयी. उस समय स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे थे. इन तथ्यों के आधार पर मोदी कहना चाह रहे हैं कि गड़बड़ियों की शुरुआत अश्विनी चौबे ने की थी.
यह आशंका पहले से थी कि नीतीश कुमार के नाम के बहाने सुशील मोदी व उनका गुट भाजपा में अंदरूनी राजनीति साध रहा है. साथ ही अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी रहे नेताओं पर निशाना लगा कर इन नेताओं को हतोत्साहित करने का प्रयास कर रहे हैं. जल संसाधन मंत्री ने कहा कि इस मामले पर नीतीश कुमार पर सुशील मोदी आरोप लगा कर न केवल बिहार के लोकप्रिय नेता को अपमान कर रहे हैं बल्कि बिहार को भी बदनाम कर रहे हैं. अब सुशील मोदी को यह कहना चाहिए कि क्या 16 जून, 2013 से पहले वित्त विभाग में गड़बड़ी की बात आयेगी तो उसमें भी क्या नीतीश कुमार पर ही आरोप लगेंगे. सुशील मोदी अपनी पार्टी की अंदरूनी राजनीति को साधने के लिए असत्य तथ्यों को इस्तेमाल कर रहे हैं. अपने ही राज्य को झूठे तथ्यों से बदनाम कर सुर्खियां बटोरना कौन सी राजनीति है?