पटना. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि दवा घोटाले की जांच के दायरे में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को भी लाया जाना चाहिए. मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि श्री मांझी इस वर्ष 20 मई से दो जून तक तक मुख्यमंत्री रहते हुए स्वास्थ्य मंत्री के प्रभार में थे. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बचाने के लिए छह पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों को जांच के घेरे में लाया जा रहा है.
वह बुधवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पथ निर्माण मंत्री ललन सिंह की बातों से साफ लगता है कि वह नीतीश कुमार को दवा व सड़क घोटालों में उलझाना चाहते हैं. श्री यादव ने कहा कि वर्तमान सरकार दवा घोटाले में घिर गयी है. नीतीश कुमार को क्लीन चिट देने के लिए
सरकार सभी उपाय कर रही है. उन्होंने कहा कि बीएमएसआइसीएल द्वारा ब्लैकलिस्टेड कंपनियों से दवा की खरीद, अधिक दर पर खरीद और अच्छी कंपनियों को नजरअंदाज करने का आरोप सिद्ध हो चुका है. ऐसे में इसकी सीबीआइ जांच जरूरी है. अब नीतीश कुमार को ही इस पर सफाई देनी चाहिए. आखिर वह सीबीआइ जांच से भाग क्यों रहे हैं? उन्होंने सीएम के उस बयान को हास्यास्पद बताया, जिसमें उन्होंने कहा था कि घोटाले के समय नीतीश कुमार स्वास्थ्य मंत्री नहीं थे. उन्होंने कहा, 12 सितंबर, 2013 को फाइनेंसियल बीड खुला था, उस वक्त नीतीश कुमार ही स्वास्थ्य मंत्री थे. चार अक्तूबर, 2013 को एडवोकेट शाहनवाज अली ने नीतीश कुमार को कॉरपोरेशन द्वारा की जा रही गड़बड़ी के संबंध में पत्र लिखा था. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गयी. 52 कंपनियों को दवा आपूर्ति का ऑर्डर मिलने के दौरान भी नीतीश कुमार ही स्वास्थ्य मंत्री के प्रभार में थे. उन्होंने कहा कि डॉ केके सिंह जांच कमेटी की रिपोर्ट 15 दिनों में मिल जाती, तो घोटाला नहीं होता. ब्लैकलिस्टेड दवा कंपनियों को आपूर्ति का ऑर्डर नहीं मिलता, पर सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया. भाजपा मंत्रियों को बेवजह इस जांच में घसीटने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि घटना को गलत दिशा में मोड़ने के उद्देश्य से ऐसा किया जा रहा है.
सुशील मोदी द्वारा सीएम पद की आपकी दावेदारी को खत्म करने के लिए दवा घोटाले की जांच की मांग संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि ललन सिंह बातों को घुमाने के लिए ऐसा कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि 11 माह तक नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री के साथ-साथ पथ निर्माण, खान-भूतत्व, वन एवं पर्यावरण मंत्री थे, तो गंगा पथ की समस्या का समाधान क्यों नहीं किया. यादव ने कहा कि सब मिल कर नीतीश कुमार को ही घसीटने की कोशिश कर रहे हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रो सूरज नंदन मेहता, संजय मयूख, अशोक भट्ट, राकेश कुमार सिंह और राजीव रंजन मौजूद थे.