पटना: अदालतों में वकालत करने के लिए आयोजित रजिस्ट्रेशन परीक्षा में लॉ अभ्यर्थियों के पसीने छूट गये. सौ सवाल में कुछ ही ऐसे सवाल थे, जिनका अभ्यर्थी जवाब दे सकते थे. परीक्षा के लिए पटना में दो केंद्र चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और पटना लॉ कॉलेज थे, जहां लगभग 900 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी. देश में परीक्षा के लिए 58 केंद्र बने थे.
प्रश्न पत्र के सेट डी के सवाल 26 में अभ्यर्थियों से पूछा गया था कि कौन सा ऑप्शन ‘स्टेट’ की व्याख्या में आता है. ऑप्शन में दिये हुए सभी चार जवाब द इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट, इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च, सैनिक स्कूल सोसाइटी और एनसीइआरटी. दरअसल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 के अंतर्गत ‘स्टेट’ की ही परिभाषा में आते हैं. पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता निर्भय सिंह ने भी इसे माना कि सवाल जरूरत से अधिक कठिन पूछे गये हैं. सवाल 26 के जवाब में भी उन्होंने कहा कि इसके सभी ऑप्शन स्टेट की व्याख्या के अंतर्गत ही आते हैं. परीक्षा पूर्ण रूप से लॉ ग्रेजुएट अभ्यर्थियों के लिए होती है. परीक्षा में पूछे गये कठिन सवाल पर बिहार बार काउंसिल के सचिव अशोक कुमार ने बताया कि प्रश्न पत्र की जानकारी नहीं है और न ही किसी अभ्यर्थी ने शिकायत की है. परीक्षा की खास बात यह है कि अभ्यर्थी कानून की किताबों को खोल यानी ‘ओपन बुक टेस्ट ’ की तरह देते हैं. ऐसे में भी लॉ अभ्यर्थियों के लिए सवालों का जवाब देना कठिन हो गया था.
प्रश्नपत्र के सेट डी से प्रश्न 39, 83, 84, 87, 88 ऐसे हैं जिनके लिए भारतीय संविधान के काफी गहन अध्ययन की जरूरत है. संविधान के ऐसे गूढ़ सवालों को देख अभ्यर्थियों को परीक्षा के दौरान विचार-विमर्श के लिए खुला मौका दिया गया था.