पटना: सूबे के 4.17 लाख नियोजित शिक्षकों को अब मानदेय नहीं, वेतनमान मिलेगा. बिहार सरकार नियोजित शिक्षकों के लिए अलग से वेतनमान निर्धारण करने की तैयारी कर रही है.
इसके लिए शिक्षा विभाग एक कमेटी का गठन करने जा रहा है. यह कमेटी दूसरे राज्यों, जहां पारा या संविदा पर शिक्षक नियुक्त हैं, वहां जाकर उनकीवेतन संरचना का अध्ययन करेगी. इसके बाद राज्य सरकार को रिपोर्ट देगी. इस रिपोर्ट के आधार पर बिहार में नियोजित शिक्षकों की नयी वेतन संरचना का निर्धारण होगा. कमेटी में प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षा के पदाधिकारियों के साथ-साथ वित्त विभाग और सरकार के प्रतिनिधि होंगे.
नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति की सेवा शर्तो में भी बदलाव करने की तैयारी की जा रही है. इसी आधार पर नयी वेतन संरचना लागू की जायेगी. इसमें शिक्षकों को उनके अनुभव के आधार पर वेतन में बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा. वेतन वृद्धि के लिए शिक्षकों के अनुभव की अवधि पांच साल, 10 साल रखी जाये या फिर तीन-तीन साल, इस पर विभाग मंथन कर रहा है. साथ ही शिक्षकों को अन्य सरकारी सुविधाएं देने और समय-समय पर प्रोन्नति देने की भी कार्रवाई की जा सकती है. इसके अलावा शिक्षकों को महीने
के पहले सप्ताह में ही वेतन का भुगतान हो जाये, इसे भी सुनिश्चित किया जायेगा. कमेटी झारखंड, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत उन सभी राज्यों में जायेगी, जहां संविदा पर शिक्षक नियुक्त हैं. वहां उनकी वेतन संरचना पर यह कमेटी अध्ययन करेगी. बिहार के पड़ोसी राज्यों में टीइटी पास ट्रेंड शिक्षकों को उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक वेतन मिल रहा है. बिहार में जहां टीइटी पास ट्रेंड शिक्षकों को 10 हजार से 12 हजार रुपये तक दिये जा रहे हैं, वहीं यूपी में 18-20 हजार रुपये दिये जा रहे हैं.
यूपी में टीइटी पास ट्रेंड शिक्षकों को सहायक शिक्षक का दर्जा भी दिया गया है. इसके अलावा यूपी के अनट्रेंड शिक्षा मित्रों को 3500 रुपये, झारखंड में पारा शिक्षकों को 7400 से 8400 रुपये, पश्चिम बंगाल में पारा शिक्षकों को 6000 और 10,000 रुपये दिये जा रहे हैं. वहीं, बिहार में फिलहाल अनट्रेंड नियोजित शिक्षकों को नौ हजार से लेकर 11,500 रुपये प्रति महीने दिये जा रहे हैं. बिहार के नियोजित शिक्षक सरकार से वेतनमान की लगातार मांग करते हैं. साथ ही यूपी के तर्ज पर भी ट्रेंड शिक्षकों को वेतन देने की मांग भी उठती रही है.