पटना: इंस्पेक्टर एसके पुरी खड़े हो जाइए. वर्मा सेंटर में सेक्स रैकेट के लिए दबिश में शामिल थे? जवाब मिला- हां तो आइए यहां सबको बताइए कि दबिश से पहले तैयारी कैसे करते हैं और क्या जरूर है. इंस्पेक्टर अपनी कुरसी छोड़ कर खड़े होते हैं और डायस पर आते हैं.
इंस्पेक्टर ने वर्मा सेंटर में रैकेट के पकड़े जाने का वाकया बताया. मुखबिर से सूचना मिली थी, फिर वहां सादे वेश में पुलिसकर्मियों को लगाया गया. पूरी गतिविधि जान लेने के बाद वरीय पुलिस अधिकारी को सूचना दी गयी. संचालक को मौके से पकड़ा गया. उसके हाथ से पार्लर की चाबी ली गयी. कमरा खोलने से पहले महिला सब इंस्पेक्टर को बुलाया गया. इस पर आइजी वीकर सेक्शन ने फिर सवाल किया, क्या दो गाड़ियां मंगायी गयीं, जवाब मिला- हां. फिर सवाल उठा, क्यों? इंस्पेक्टर ने बताया कि पकड़ी गयी महिला को थाने ले जाने के लिए उसे महिला पुलिस कर्मी के साथ अलग गाड़ी में बैठाए जाने का प्रावधान है. बिल्कुल सही, आप ने ठीक कहा. बैठ जाइए.
शनिवार को एसके मेमोरियल हॉल में आयोजित मानव व्यापार व बाल अपराध से जुड़े दो दिवसीय कार्यशाला में दिन के 11 बजे से शाम के पांच बजे तक सवाल-जवाब का कुछ ऐसा ही दौर चलता रहा.
विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा : आइजी वीकर सेक्शन अरविंद पांडेय की अध्यक्षता में चल रही कार्यशाला में मानव तस्करी, बाल अपराध, देह व्यापार जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई. कार्यशाला में इंस्पेक्टरों से यह भी पूछा गया कि किसी स्थान पर किसी नाबालिग बच्चे को किसी दुकान पर काम करते देखेंगे, कैसे कार्रवाई करेंगे. थोड़ी देर के लिए हॉल में खामोशी छा गयी. सवाल दोहराया गया, तो आगे से दूसरी पंक्ति में बैठी महिला थाने की इंस्पेक्टर मृदुला कुमारी ने जवाब दिया कि बच्चे को वहां से लाकर शांति कुटीर भेज देंगे. जवाब सुन कर आइजी ने पूछा, आप महिला थाने की इंस्पेक्टर हैं? जवाब मिला- हां. इंस्पेक्टर पीरबहोर निसार अहमद से सवाल किया गया कि महिलाओं की मुक्ति के लिए की जानेवाली छापेमारी के दौरान महिला पुलिस की आवश्यकता क्यों पड़ती है? जवाब दिया, सर तलाशी के लिए. उन्होंने सहमति में सिर हिलाया.
सिटी एसपी आशीष भारती ने धारा 370, 372, 376, 223, 224 सहित भीख मंगवाने, अनुसूचित जाति को दास बना कर कार्य कराने और पास्को एक्ट पर कार्रवाई के प्रावधान को बताया. कार्यशाला को जीवंत करने के लिए पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के जरिये डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाये गये. कार्यशाला में डीआइजी अजिताभ, एसपी वीकर सेक्शन हरजोत कौर, सभी डीएसपी, एएसपी बाढ़ सहित अन्य पुलिस अधिकारी व इंस्पेक्टर मौजूद रहे.
क्या आपने मर्दानी देखी है
मर्दानी फिल्म के पात्र व कथा वस्तु से पूरी तरह से प्रभावित आइजी वीकर ने कार्यशाला में कई बार फिल्म के अभिनय का उदाहरण रखा. फिल्म के दृश्य के जरिये वेश्यावृत्ति व मानव तस्करी के लिए होनेवाली पुलिसिया कार्रवाई को बारीकी से समझाया गया. ऐसे भी अवसर आये जब आइजी ने एक-एक पुलिसकर्मी से जवाब मांगते समय पूछा कि क्या आपने मर्दानी फिल्म देखी है.
झपकी लेते रहे कई पुलिसकर्मी
कार्यशाला के बीच-बीच में कई इंस्पेक्टर झपकी लेते देखे गये. कई बार धाराओं के बारे में जानकारी दे रहे सिटी एसपी आशीष भारती को इसके लिए टोकना पड़ा. आइजी ने कड़ी फटकार लगाते हुए ध्यान से सुनने की हिदायत दी. कार्यशाला को गंभीरता से नहीं लेनेवालों को बाहर जाने के लिए कहा गया.