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उद्घाटन से पहले ही धंसा पुल

मुजफ्फरपुर/कटरा: मुजफ्फरपुर के कटरा में बकुची-औराई मार्ग पर सात करोड़ की लागत से बन रहा पुल धंस गया है. पुल के निर्माण का काम लगभग पूरा कर लिया गया था. अंतिम चरण में काम चल रहा था. इसकी दोनों ओर संपर्क पथ बनना था, लेकिन इससे पहले ही अचानक शुक्रवार की शाम पुल धंस गया. […]

मुजफ्फरपुर/कटरा: मुजफ्फरपुर के कटरा में बकुची-औराई मार्ग पर सात करोड़ की लागत से बन रहा पुल धंस गया है. पुल के निर्माण का काम लगभग पूरा कर लिया गया था. अंतिम चरण में काम चल रहा था. इसकी दोनों ओर संपर्क पथ बनना था, लेकिन इससे पहले ही अचानक शुक्रवार की शाम पुल धंस गया. 80 मीटर लंबे इस पुल का बीचवाला पाया पूरी तरह से धंस गया.

पुल का निर्माण नाबार्ड के सहयोग से किया जा रहा था. इसका काम अगस्त, 2015 तक पूरा करना था, लेकिन निर्माण में लगी कंपनी मेसर्स दिलीप कुमार इसे समय से पहले पूरा करना चाहते थे. पुल के निर्माण की देखरेख राज्य पुल निर्माण निगम की ओर से की

जा रही थी. पुल निर्माण निगम के कार्यपाल अभियंता बीके सिंह का कहना है कि इसका निर्माण बीते साल दिसंबर में शुरू हुआ था. मुजफ्फरपुरके चंद्रहट्टी गांव के रहनेवाले दिलीप कुमार की कंपनी पुल का निर्माण कर रही थी. यह पुल बागमती व लखनदेई नदियों के निचले इलाके में बन रहा था. यहां से होकर दोनों नदियों का पानी गुजरता है. चार साल पहले जब बागमती नदी पर बांध बनने का काम तेज हुआ, तो इस पुल के निर्माण की मांग भी जोर पकड़ने लगी थी, क्योंकि बारिश के दिनों में इलाके की 15 पंचायतें जिला मुख्यालय से कट जाती थीं. बसघट्टा के मुखिया विनोद कुमार ने बताया, हम ग्रामीणों की मांग पर ही पुल का निर्माण शुरू हुआ था.

मुखिया का कहना है, जिस स्थान पर पुल बन रहा है, वहां हर साल बारिश के समय पानी का करंट काफी ज्यादा हो जाता था. इस वजह से आने-जाने में परेशानी होती थी. यहां पर पहले से दो चचरी बनी हुई है, लेकिन इसके बावजूद लोगों को परेशानी होती थी. जब पुल बनना शुरू हुआ, तो इलाके से लोगों में आस जगी थी. पुल निर्माण कर रही कंपनी की ओर से भी कहा गया था, हम बीते 15 अगस्त तक पुल को इस हालत में कर देंगे कि साइकिल, मोटरसाइकिल व छोटे वाहन इससे गुजर सकें, लेकिन यह काम नहीं हो पाया था. इसकी वजह बीच में काम बंद हो गया था. इसके बाद एसडीओ समेत अन्य अधिकारी आये थे. उस समय यहां पर पानी का करंट भी इतना तेज नहीं था. तभी काम फिर से शुरू हुआ था. काम तो काफी तेजी से हो रहा था, लेकिन पुल से आवागमन शुरू नहीं हुआ था. इसी बीच पुल धंस गया. इससे हम लोगों की उम्मीदों को झटका लगा है.

पुल शुक्रवार की शाम के समय धंसा. उस समय मौके पर पुल निर्माण का काम करनेवाले कुछ मजदूर आदि थे. इसके अलावा पुल निर्माण निगम या कोई अन्य सरकारी अधिकारी मौके पर नहीं था. इसकी सूचना तत्काल स्थानीय प्रशासन के साथ सभी लोगों को दी गयी, लेकिन मौके पर कोई अधिकारी नहीं पहुंचा. मुखिया विनोद कुमार ने बताया, हमलोगों ने बीडीओ व प्रखंड के अन्य लोगों को सूचना दी थी. ठेकेदार दिलीप कुमार ने कहा, हम नसीब के छोटे हैं. इस वजह से यह घटना घटी है. पुल को फिर से बनाना होगा. जो छत गिरी है, उसका काम पहले ही हुआ था. अगर काम खराब होता, तो पहले गिर जाता. पिलर गिरने की वजह पानी का अधिक करंट आना है.

पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता बीके सिंह ने कहा कि किसी नदी पर यह पुल नहीं था. बागमती के निचले हिस्से पर यह पुल बन रहा था. हमलोगों ने यह नहीं सोचा था कि इसमें इतना पानी आ जायेगा. ज्यादा पानी आने से पुल धंसा है. इसे फिर से बनाना होगा.

कंपनी को सम्मानित कर चुकी है सरकार : यह पुल बनानेवाले दिलीप कुमार को छह जुलाई को सीएम ने सम्मानित किया था. उन्होंने लखनदेई नदी पर समय से पूर्व पुल बनाया था.

यने के लिए यह सम्मान पुल निर्माण निगम की ओर से दिया गया था. इसमें दिलीप कुमार की ओर से किये जानेवाले काम पर संतोष व्यक्त किया गया था और कहा गया था, पिछले सात सालों से बेहतर काम कर रहे हैं.

निगम के एमडी व मुख्य अभियंता इसकी जांच करेंगे. यदि निर्माण में कोई गड़बड़ी होगी, तो दोषी इंजीनियरों पर कार्रवाई की जायेगी.
श्रीधर चेरूबोलू, चेयरमैन, पुल निगम

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