गोपालगंज: नॉन बैंकिंग कंपनी एरिस मार्केटिंग सर्विसेज लिमिटेड ग्राहकों की करीब 19 करोड़ की जमाराशि लेकर फरार हो गयी है. इसका पता उस समय चला, जब गुरुवार को कंपनी की गोपालगंज शाखा के दफ्तर पर ताला लटका पाया गया. पिछले पांच सालों से यह कंपनी इस इलाके में लोगों से पैसे जमा करवा रही थी, मगर जब पैसे देने की बारी आयी, तो इसके कर्मचारी-अधिकारी दफ्तर पर ताला बंद कर फरार हो गये.
माना जा रहा है कि कंपनी ने 1084 लोगों से 19 करोड़ रुपये की वसूली की है. कंपनी के दफ्तर पर एक नोटिस चिपका है, जिसमें 31 अगस्त को पेमेंट किये जाने की बात कही गयी है.
दस करोड़ से अधिक राशि की नहीं मिल रही जानकारी : जब स्थिति बिगड़ने लगी तब बतौर एजेंट कार्यरत मिथिलेश सिंह ने बताया कि कंपनी में यहां लोग के करीब 19 करोड़ जमा किये थे, जबकि कंपनी मुख्यालय में 8.32 करोड़ के ही आंकड़े बताये जा रहे हैं. शेष राशि कहां है, इस बारे में कंपनी का कोई अधिकारी बताने को तैयार नहीं है. अब यहां के करीब 156 एजेंट सांसत में पड़े हुए है. एजेंटों ने बेरोजगारी की वजह और बेहतर कमीशन के लोभ में सगे-संबंधियों का पैसा जमा कराया था. आज जमाकर्ता उनसे पैसा वसूलने के लिए उतारू है. जिले में नॉन बैंकिंग द्वारा यह पहली लूट नहीं है. बल्कि 90 के दशक से यह लगातार जारी है. उपभोक्ता लुटते रहे और इनकी जांच-पड़ताल करना किसी ने उचित नहीं समझा. एक बार फिर यह लूट शहर में बेखौफ चल रहे इस धंधे की पोल खोल रही है, जिससे प्रशासन अनभिज्ञ बना है.
निवेश से पहले रखें ध्यान
आरबीआइ के क्षेत्रीय निदेशक (झारखंड-बिहार) मनोज कुमार वर्मा ने कहा कि नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनी में निवेश से पूर्व लोगों को इन बातों पर ध्यान देना चाहिए.
यहां करें शिकायत
अगर किसी भी व्यक्ति को संबंधित कंपनी के बारे में कुछ सूचना प्राप्त होती है, तो वह इसके बारे में अलग-अलग जगह सूचना दे सकते हैं. यानी कि पता चलता है कि वह कंपनी आरबीआइ से निबंधित नहीं है या वह अधिक ब्याज दे रही है तब. कोई भी आम व्यक्ति आरबीआइ को फोन नंबर 0612-2621290 पर या भारतीय रिजर्व बैंक, दक्षिणी गांधी मैदान, पिन कोड 800001 के पते पर लिखित शिकायत कर सकता है. इसके अलावा वह स्थानीय थाना व इओयू को भी शिकायत कर सकता है.