पटना: सूबे के 1,896 बसावट ऐसे हैं, जहां प्राथमिक स्कूल नहीं हैं. 2,974 बसावटों में मिडिल स्कूल नहीं है. बसावट के एक किलोमीटर के क्षेत्र में प्राथमिक स्कूल और तीन किलोमीटर के क्षेत्र में मिडिल स्कूल होने का प्रावधान है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से इन बसावटों में जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
अगर कोई इसके लिए अपनी जमीन दान करता है, तो स्कूल उसके या उसके द्वारा दिये जानेवाले नाम पर रहेगा. जिलों से स्कूल के लिए जमीन की उपलब्धता की रिपोर्ट आने के बाद विभाग उसे प्रस्ताव के रूप में केंद्र के पास भेजेगा. इसके बाद संबंधित स्कूल को बनाने के लिए केंद्र की ओर से राशि दी जायेगी.
फिलहाल सूबे में 1,12,067 बसावट हैं. इनमें से 1,08,074 बसावटों में शिक्षा के अधिकार के तहत यहां के बच्चों को प्राथमिक स्कूल की शिक्षा मिल रही है. जिन बसावटों के एक और तीन किलोमीटर के एरिया में प्राथमिक व मध्य विद्यालय नहीं हैं, वहां के बच्चों को या तो दूसरे स्कूल में पढ़ाई के लिए जाना पड़ता है या फिर वैसे बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. बसावटों में प्राथमिक स्कूल खोलने की आवश्यकता है. साथ ही कुछ प्राथमिक स्कूलों को अपग्रेड करने से बसावटों में मध्य विद्यालयों का संकट भी खत्म हो जायेगा. 2012-13 में 228 और 2013-14 में 151 प्राथमिक स्कूलों को मध्य विद्यालय में अपग्रेड किया गया है. फिलहाल मध्य विद्यालयों को हाइस्कूलों में अपग्रेड किया जा रहा है और हर पंचायत में एक हाइस्कूल खोलने का लक्ष्य रखा गया है. वर्ष 2013-14 में करीब डेढ़ हजार मिडिल स्कूल को हाइस्कूल में अपग्रेड किया गया है, जिसमें इस साल से नौंवी की पढ़ाई शुरू हुई.