पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील मोदी ने फेसबुक पर ताजा पोस्ट में कहा कि जब तक प्रदेश में नया जनादेश प्राप्त कर एक सुयोग्य सरकार नहीं बनती, तब तक विशेष दर्जा पाना मुश्किल बना रहेगा. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर जिस कांग्रेस ने बिहार को धोखा दिया और जिस लालू प्रसाद ने अड़ंगा लगाया, पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हीं से हाथ मिला लिया.
केंद्र की सत्ता में दस साल रहने के बाद भी कांग्रेस ने बिहार के साथ न्याय नहीं किया. तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम ने विशेष दर्जा देने का आश्वासन दिया था.
इसी खुशफहमी में नीतीश कुमार उनके पटना आने पर सदाकत आश्रम तक छोड़ने भी गये. नीतीश कुमार ने कहा था कि यूपीए -1 में रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद ने बिहार की मांग में अड़ंगा लगाया था. कांग्रेस और लालू की सारी धोखेबाजी को भूल कर नीतीश महागंठबंधन में शामिल हो गये. आज बिहार में ऐसी सरकार नहीं, जो विशेष दर्जा पाने की पात्रता रखती हो. वर्तमान मांझी सरकार को न तो जनादेश प्राप्त है, न ही शासन पर कोई पकड़ है. आज यदि 2010 में जनादेश प्राप्त करनेवाली भाजपा-जदयू की सरकार होती, तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना आसान हो गया होता. नीतीश कुमार ने गंठबंधन तोड़ने की जो खता की, वह बिहार पर भारी पड़ रही है.