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शहरों के साथ गांवों में पसर रही शुगर और बीपी की बीमारी

एनुअल हेल्थ सव्रे की रिपोर्ट से सामने आये चौंकाने वाले तथ्य औसतन दस फीसदी की दर से बढ़ रहे मरीज 15 जिलों के ग्रामीण इलाकों में शुगर बढ़ने की दर 20 फीसदी बिहार में शुगर और हाइपरटेंशन के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. हैरानी की बात है कि ये दोनों बीमारियां राज्य […]

एनुअल हेल्थ सव्रे की रिपोर्ट से सामने आये चौंकाने वाले तथ्य

औसतन दस फीसदी की दर से बढ़ रहे मरीज

15 जिलों के ग्रामीण इलाकों में शुगर बढ़ने की दर 20 फीसदी

बिहार में शुगर और हाइपरटेंशन के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. हैरानी की बात है कि ये दोनों बीमारियां राज्य के गंवई इलाकों में भी तेजी से पसर रही हैं. औसतन गांव और शहरों में यह बीमारी हर साल दस फीसदी की रफ्तार से बढ़ रही है. 15 ऐसे जिले हैं, जहां के ग्रामीण इलाकों में शुगर की बीमारी 20 फीसदी या उससे अधिक रफ्तार से बढ़ रही है. 13 जिलों के ग्रामीण इलाकों में हाइपरटेंशन के बढ़ने की गति 20 फीसदी है.

वर्ष 2011-12 और 2012-13 के बीच राज्य में जहां शुगर के रोगियों की संख्या में करीब दस फीसदी की बढ़ोतरी हुई है वहीं हाइपरटेंशन के मरीजों की संख्या भी लगभग इसी रफ्तार से बढ़ी है. राज्य के 11 जिले ऐसे हैं, जहां शुगर के रोगियों की संख्या 20 फीसदी से भी ज्यादा तेजी से बढ़ी है. यह तथ्य सर्वे 2012-13 से सामने आया है. आम धारणा है कि ये दोनों बीमारियां शहरी इलाकों में रहनेवालों को ज्यादा होती हैं क्योंकि वहां के लोग शारीरिक श्रम कम करते हैं और तनाव में ज्यादा रहते हैं. शहरों में बढ़ रहे प्रदूषण को भी कुछ हद तक इसके लिए जिम्मेदार माना जाता है.

लेकिन, सर्वे के अनुसार शुगर और हाइपरटेंशन के मरीज ग्रामीण इलाकों में भी शहरों की तरह ही मिल रहे हैं. वर्ष 2011-12 के हेल्थ सर्वे के अनुसार ग्रामीण इलाकों में एक लाख की आबादी पर 263 और शहरों में 969 मधुमेह रोगी थे वहीं 2012-13 में यह आंकड़ा बढ़कर 291 और 1098 हो गया. इसी तरह 2011-12 में ग्रामीण इलाकों में 712 और शहरी इलाकों में 1061 हाइपरटेंशन के मरीजो थे. 2012-13 में यह आंकड़ा बढ़कर 768 और 1221 हो गया. 15 जिले ऐसे हैं जहां ग्रामीण इलाकों में शुगर के रोगियों की संख्या 20 फीसदी से ज्यादा बढ़ी. इसी रफ्तार से हाइपरटेंशन के मरीजों की बढ़ने वाले जिलों की संख्या 13 है.

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शहरों के साथ गांवों में पसर रही शुगर और बीपी की बीमारी 2

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

मोटापा बढ़ा रहा बीमारी
बीपी और शुगर की बीमारी गांवों में भी फैल रही है. इसकी बड़ी वजह यह है कि गांव पहले की तरह रहे नहीं. वहां के लोग भी अब पहले की तरह शारीरिक श्रम नहीं कर रहे हैं. पहले पैदल या साइकिल से लोग कई मील तक सफर कर लेते थे. आज मोटरसाइकिल से नीचे उतरते नहीं है. इससे मोटापा बढ़ेता और यह शुगर व हाइपरटेंशन का कारण बनता है. इसकेपीछे स्ट्रेस (तनाव)भी जिम्मेदार है. शुगर और हाइपरटेंशन पूरे विश्व में महामारी की तरह फैल रहा है. दक्षिण एशिया में इसका प्रकोप कुछ ज्यादा है. हमलोग खाना खूब खा रहे हैं और एक्सरसाइज कर नहीं रहे हैं. इससे मोटापा बढ़ रहा है. अब तो मोटापा जांच करने वाले चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति होनी चाहिए.

डॉ बीपी सिंह, आइजीआइएमएस

तनाव सबसे बड़ी वजह
शुगर और हाइपरटेंशन की सबसे बड़ी वजह तनाव है. तनाव स्लम में रहने वाले लोगों के बीच भी बढ़ रहा है. स्लम में रहने वालों के बीच तनाव की सबसे बड़ी वजह नशा है. ज्यादातर स्लमवासी जो कमाते हैं उसका एक बड़ा हिस्सा नशे पर खर्च कर देते हैं. इससे परिवार में तनाव बढ़ता है और बीमारियां होती हैं. इसी तरह बच्चों में भी यह बीमारी महामारी का रूप लेती जा रही है. इसकी वजह है मां-बाप का बच्चों पर ध्यान नहीं देना. हमारे यहां कई बच्चे आते हैं जो बताते हैं कि वे अपने माता-पिता को इसलिए पसंद नहीं करते हैं क्योंकि माता-पिता के पास उनकी समस्याओं को सुनने के लिए समय नहीं है. ऐसे तनावग्रस्त बच्चे ही शुगर और हाइपरटेंशन के जल्द शिकार हो जाते हैं.

प्रज्ञा अग्रवाल, आर्ट ऑफ साइलेंस टीचर

जिन 15 जिलों के ग्रामीण इलाकों में 20 फीसदी की दर से फैल रही शुगर की बीमारी : बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, गया, जमुई, जहानाबाद, कैमूर, लखीसराय, मुंगेर, नवादा, पटना, रोहतास और शिवहर
जिन 13 जिलों के ग्रामीण इलाकों में 20 फीसदी की दर से फैल रहा बीपी : बेगूसराय, भोजपुर, बक्सर, गया, जहानाबाद, कैमूर, लखीसराय, मुंगेर, नालंदा, नवादा, पटना, रोहतास और शेखपुरा

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