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जहरीला विचार फैलाने के खिलाफ हुआ महागठबंधन : नीतीश

छपरा (बिहार) : वरिष्ठ जदयू नेता नीतीश कुमार ने आज कहा कि कुछ मुद्दों पर मतभेद के चलते वह 20 साल पहले राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से अलग हो गए थे, लेकिन भाजपा को बिहार में सत्ता में आने से रोकने के लिए इस बार दोनों साथ रहेंगे. लालू के साथ संयुक्त चुनाव रैली को […]

छपरा (बिहार) : वरिष्ठ जदयू नेता नीतीश कुमार ने आज कहा कि कुछ मुद्दों पर मतभेद के चलते वह 20 साल पहले राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से अलग हो गए थे, लेकिन भाजपा को बिहार में सत्ता में आने से रोकने के लिए इस बार दोनों साथ रहेंगे.

लालू के साथ संयुक्त चुनाव रैली को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा, ‘‘कुछ मुद्दों पर मतभेद को लेकर मैं उनसे :लालू से: अलग हो गया था.’’ जब वह यह बात कह रहे थे तो लालू मंच पर बैठे थे. यह 21 अगस्त को बिहार के 10 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव के लिए राजद प्रमुख के साथ उनका दूसरा अभियान था.

नीतीश ने कहा कि इस बार उन्होंने 2015 विधानसभा चुनाव में भाजपा को बिहार में सत्ता में आने से रोकने के लिए हाथ मिलाया है.

जदयू नेता ने मोदी सरकार पर दंभी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि राजद, जदयू और कांग्रेस का महागठबंधन बिहार से भाजपा को ‘‘दवा’’ देगा.

लालू ने अफसोस जताया कि मतों के विभाजन के चलते धर्मनिरपेक्ष शक्तियां लोकसभा चुनाव हार गईं. ऐसी गलती अब नहीं दोहराई जाएगी क्योंकि तीन प्रमुख पार्टियां-राजद, जदयू और कांग्रेस-भाजपा का रथ रोकने एक साथ आई हैं.

राजद प्रमुख ने कहा, ‘‘भाजपा धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के वोटों में विभाजन के चलते जीती.. (बिहार में) हमने एक करोड 60 लाख वोट पाए और भाजपा को हमसे कम वोट मिले, लेकिन वह लोजपा और आरएलएसपी की साङोदारी से सीटों का बडा हिस्सा ले गई.’’ लालू ने कहा, ‘‘इस बार हम राजद, जदयू और कांग्रेस के वोटों को एक साथ ला कर भाजपा को उसकी जगह दिखा देंगे.’’

उन्होंने लोजपा अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने उनकी (पासवान की) तरह का ‘‘मौसम विज्ञानी’’ नहीं देखा. उन्होंने पासवान पर आरोप लगाया कि वह विचारधारा की परवाह किए बगैर अपनी राजनीतिक जरुरतों के तहत पाला बदलते हैं.

लालू ने कहा, ‘‘वह पक्के अवसरवादी हैं जो मौका देखते ही पाला बदल लेते हैं.’’ राजद प्रमुख ने पासवान को याद दिलाया कि उन्होंने 2002 के गुजरात दंगों के मुद्दे पर वाजपेयी सरकार से इस्तीफा दिया था, लेकिन अब आराम से भाजपा से हाथ मिला लिया और नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री हैं जो उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता सीपी जोशी ने भी इस अवसर पर रैली को संबोधित किया. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने लोगों से विकास का वादा किया लेकिन उसे पूरा नहीं कर लोगों को ‘‘छला’’ है.

इससे पहले राजद नीत गठबंधन के नेताओं ने पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज में कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद फख्रुद्दीन के पक्ष में प्रचार किया.

वहीं भाजपा नेता सीपी ठाकुर ने लालू-नीतीश के साथ आने से कोई फर्क ना पड़ने का दावा किया. भाजपा नेता नंदकिशोर ने इसे अवसरवादी गठबंधन बताया. भाजपा के अनुसार ये गठबंधन नहीं ‘ठगबंधन’ है.

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