पटना : बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बयान पर शुरू हुए विवाद पर राजद ने निर्णय किया है कि वह बिहार में दस सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनावों से पहले जद (यू), कांग्रेस और राजद गंठबंधन पर अब कोई टिप्पणी नहीं करेगा.
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के इस बयान के बाद यह टिप्पणी आयी है कि अगले वर्ष विधानसभा चुनावों में अगर गंठबंधन बहुमत हासिल करता है तो नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे.
विवाद को तवज्जो नहीं देने का प्रयास करते हुए गठबंधन के नेताओं ने कहा कि उनकी वर्तमान प्राथमिकता उपचुनाव में सभी दस सीटों पर जीत हासिल करना है और अगले वर्ष विधानसभा चुनावों के बाद नेतृत्व मुद्दे पर निर्णय किया जायेगा.
तीनों दलों के नेताओं ने कहा कि लालू प्रसाद, नीतीश कुमार और कांग्रेस के महासचिव सीपी जोशी जैसे कुछ वरिष्ठ नेताओं की संयुक्त रैली की योजना बनायी जा रही है.राजद के बिहार अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा, इस समय हमारे समक्ष चुनौती है कि 21 अगस्त को होने वाले उपचुनाव में सभी 10 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करें. गंठबंधन के नेतृत्व के बारे में बात करने का यह उचित समय नहीं है.
हम इस तरह की टिप्पणियों से बचेंगे. उन्होंने कहा, अगले वर्ष चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद का निर्णय लालू प्रसाद, नीतीश कुमार, शरद यादव और सोनिया गांधी जैसे वरिष्ठ नेता करेंगे. पूर्वे ने कहा कि अगले वर्ष विधानसभा चुनावों के समय प्रयास किया जाएगा कि भाजपा विरोधी ज्यादा से ज्यादा दलों को शामिल कर धर्मनिरपेक्ष गंठबंधन का विस्तार किया जाये.
कांग्रेस उपाध्यक्ष और पार्टी के मीडिया प्रभारी प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार आज हमारे एजेंडे पर नहीं है. नीतीश कुमार को लेकर मांझी की टिप्पणी से राजनीतिक बहस शुरु हो गई थी. जद यू के बिहार प्रमुख वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि इस मुद्दे पर सहयोगियों के बीच कोई कलह नहीं है क्योंकि मांझी ने केवल जद यू विधायक दल के आम चुनावों में हारने के परिप्रेक्ष्य में नेतृत्व में बदलाव को लेकर हुए प्रस्ताव के बारे में बताया.